पटना में आशा का जोरदार प्रदर्शन, 21 हजार मानदेय करने की मांग

बिहार के हर जिले से आशा आज पटना पहुंचीं। आशा संयुक्त संघर्ष मंच के बैनर से विधानसभा के सामने जोरदार प्रदर्शन। पारितोषिक नहीं, 21 हजार महीना मानदेय की मांग।

आशा संयुक्त संघर्ष मंच के राज्यव्यापी आंदोलन के तहत शुक्रवार को विधानसभा के समक्ष आशाओं का विशाल आक्रोशपूर्ण मार्च निकला। मंच की नेता और बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ की अध्यक्ष शशि यादव के नेतृत्व में गेट पब्लिक मार्च से मार्च निकला, जो गर्दनीबाग धरनास्थल पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया। इस कार्यक्रम में बिहार के कोने-कोने से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ बनी हुई आशा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और अपने आक्रोश का जमकर प्रदर्शन किया।

सभा को सम्बोधित करते हुए आशा सह एक्टू नेता शशि यादव ने कहा कि बिहार सरकार आशाओं से बेगारी में काम लेना चाहती है। सप्ताह भर 24 घंटे काम करने के आषाओं को कोई भी मानदेय नहीं मिलता है। विगत दिनों हमने जब हड़ताल की थी, तो सरकार ने एक हजार मानदेय देने की घोषणा की थी। लेकिन बाद में सरकार ने उसे बड़ी चालाकी से पारितोषिक में बदलकर आशाओं के साथ विश्वासघात किया। हम आज कहने आए हैं कि मासिक मानदेय के बदले 1000 रुपये का पारितोषिक का यह झुनझुना हमें नहीं चाहिए।

शशि यादव ने कहा कि आशाएं अब और बेगारी नही करेंगी। आशाओं को स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी घोषित कर 21 हज़ार रुपये मासिक मानदेय देना होगा। और जब तक यह सरकार घोषणा नहीं करती, हम सदन से सड़क तक लड़ते रहेंगे।

ऐक्टू नेता जितेन्द्र ने इस मौके पर कहा कि देश के प्रधानमंत्री आशाओं के श्रम को सम्मान नही दे रहे हैं और मासिक मानदेय के वाजिब हक को मार रहे हैं।

जनस्वास्थ्य कर्मचारी संघ के नेता विश्वनाथ सिंह ने कहा कि बिहार सरकार कोरोना काल का भत्ता का भुगतान नहीं करके अन्याय कर रही है।

इस मौके पर आंदोलन के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करते हुए भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि हमने आशाओं के वाजिब मांग को सदन में उठाया है। स्कीम वर्कर्स के शोषण को लेकर सदन में विशेष चर्चा की मांग की है। हमलोग मुख्यमंत्री से मिलकर आशाओं के जीने लायक मासिक मानदेय के सवाल को मज़बूती से उठाएंगे। माले विधायक महानंद सिंह ने भी आज सदन में सवाल उठाकर आशाओं के प्रति सरकार और स्वास्थ्य विभाग की बेरुखी को सामने लाया। मौके पर विधायक सुदामा प्रसाद, अमरजीत कुशवाहा, अरुण सिंह, रामबली सिंह यादव भी शामिल हुए.

आज के कार्यक्रम में उपर्युक्त नेताओं क अलावा ऐक्टू के जीतेन्द्र, सुनीता, उर्मिला, विद्यावती पांडेय, रूकमान, सबया पांडेय, मालती राम, जूली आलम आदि शामिल हुए. आशाओं ने एक स्वर से 28-29 मार्च के अखिल भारतीय हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया।

जनता महंगाई में भी खुश है, विपक्ष कहां से लाए नया मुद्दा

By Editor