पटना में शिक्षकों ने DEO और मजिस्ट्रेट को 8 घंटे तक ताले में क्यों बंद रखा

रिश्वतखोरी से परेशान शिक्षकों ने डीईओ,मजिस्ट्रेट को 8 घंटे तक बनाया बंधक

दीपक कुमार ठाकुर

           (बिहार ब्यूरो चीफ)

 पटना:बिहार सरकार  भ्रष्टाचार खत्म होने का भले ही दावा करती हो लेकिनडीपटना का डीईओ कार्यालय घूसखोरी का अड्डा बन चुका है. घूसखोरी के विरोध में नियोजित शिक्षकों ने 8 घंटे तक डीईओ समेत कई अधिकारियों और कर्मचारियों को बंधक बनाये  रखा. और ईओ ऑफिस में ताला जड़ दिया. डीईओ ऑफिस के बाहर सैकड़ों की संख्या में नियोजित शिक्षक लगातार न सिर्फ अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की बल्कि एक-एक कर अधिकारियों और कर्मचारियों की पोल खोल कर रख दी.

 मजिस्ट्रेट पर भी उतारा गुस्सा

 शिक्षकों के आक्रोश को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल भी बुलाये गए थे साथ ही मजिस्ट्रेट को भेजा गया लेकिन शिक्षकों ने मजिस्ट्रेट को भी बंधक बना लिया. शिक्षकों ने डीईओ कार्यालय के कर्मचारियों पर फिक्शेसन करने और ग्रेड पे की राशि के भुगतान के एवज में मोटे पैसे घूस मांगने का आरोप लगाया साथ ही डीईओ ज्योति कुमार और डीपीओ पर भी कर्मचारियों से मिलीभगत का आरोप लगाया. शिक्षकों में मुस्तफा आजाद, मनोज कुमार,विनोद कुमार रवि कुमार समेत कई शिक्षकों ने डीईओ और डीपीओ को हटाने की मांग की और कहा यहां बिना पैसे का कोई काम नहीं होता है और हर काम में परसेंटेज राशि फिक्स कर घूस की मांग की जाती है.

 डीईओ पर लगाए संगीन आरोप

 कई ऐसे शिक्षक हैं जिनका फ़िक़्शेसन नहीं हो सका है और ग्रेड पे राशि का भी भुगतान नहीं किया गया क्योंकि सबों ने घूस देने से इनकार कर दिया था. आंदोलन कर रहे शिक्षकों का आरोप यह भी है कि जिन शिक्षकों ने घूस दिया उनका फ़िक़्शेसन किया गया. नियोजित शिक्षक अधिकारियों से कोई वार्ता करना नहीं चाह रहे थे बल्कि सीधे डीईओ और डीपीओ पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे. मालूम हो कि डीईओ ज्योति कुमार के खिलाफ पहली बार आरोप नहीं लगा है बल्कि शिक्षकों ने इससे पहले भी डीईओ के खिलाफ कई बार सरकार से शिकायतें भी की है बावजूद कार्रवाई तो दूर सरकार डीईओ के खिलाफ जांच करना भी मुनासिब नहीं समझ रही है.

 कार्रवाई का भरोसा

 इस पूरे मामले में ड्यूटी पर तैनात मजिस्ट्रेट नीरज कुमार ने शिक्षकों को आश्वासन दिया कि सारी शिकायतों की जानकारी सरकार को दी जाएगी और जांच के बाद दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी. हंगामे की वजह से डीईओ कार्यालय पूरी तरह से अखाड़ा बना रहा और ताले जड़े होने की वजह से कार्यालय का भी काम काज ठप्प रहा.

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