पत्रकार महासंघ का स्थापना दिवस, डिजिटल पत्रकारिता पर चर्चा

भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के स्थापना दिवस पर मधुबनी इकाई का कार्यक्रम। डिजिटल मीडिया की संभावना व पत्रकारिता की गरिमा बनाए रखने पर चर्चा।

भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के स्थापना दिवस पर मधुबनी जिला इकाई द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। संगठन के 22 वर्ष पूर्ण होने और 23वें वर्ष में प्रवेश हुआ है। इसी के मद्देनजर शुक्रवार को नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे जयनगर के महिला कॉलेज में साहित्यिक-पत्रकारीय गोष्टी कर संगठन के स्थापना दिवस पर पत्रकार-साहित्यकार उपस्थित हुए। महासंघ की स्थापना 15 जुलाई 2000 ई. को प्रयागराज में वरिष्ठ साहित्यकार और पत्रकार डॉ. भगवान प्रसाद उपाध्याय द्वारा किया गया था।

महासंघ की मधुबनी जिला इकाई द्वारा महिला महाविद्यालय जयनगर के प्रांगण में एक पौधा लगाया गया। राष्ट्रीय प्रकाशन सचिव और कॉलेज के प्राचार्य प्रो. जगदीश प्रसाद यादव ने पौधे को जल दिया।

प्रो. जगदीश प्रसाद यादव, अंतरर्राष्ट्रीय पत्रकार सुरेश कुमार गुप्ता की उपस्थिति में शुरू हुए कार्यक्रम का मंच संचालन का जिम्मा संयुक्त रूप से सुरेश गुप्ता और मधुबनी जिला महासचिव मनीष सिंह यादव ने निभाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. जगदीश प्रसाद यादव ने की।

इस संगोष्ठी में चर्चा का विषय “डिजिटल घेराबंदी के तहत पत्रकारिता”(Journalism Under Digital Siege) रखा गया था। विषय पर चर्चा करते हुए वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत कुमार गुप्ता ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में डिजिटल पत्रकारिता का विस्तार हुआ है और इसमें अपार संभावनाएं हैं। साहित्य और पत्रकारिता हमेशा एक-दूसरे का सहयोगी और पूरक रहा है और जीवन के अनुभव से मिले सीख को नई पीढ़ी के साथ साझा करनी चाहिए। प्रकाशन सचिव प्रो. जगदीश प्रसाद यादव ने कहा कि हम सभी को संगठन और पत्रकारिता की गरिमा का ध्यान रखते हुए कोई कार्य करना चाहिए।

वरिष्ठ पत्रकार सुरेश कुमार गुप्ता ने कहा कि आज पत्रकारिता के शलाका पुरुष प्रभाष जोशी का जन्मदिवस भी है। हमें पीत पत्रकारिता से बचकर स्वच्छ पत्रकारिता करनी चाहिए। संगठन के जिला कोषाध्यक्ष और युवा पत्रकार संजय कुमार पंडित ने पत्रकारिता पर मंडरा रहे संकट को रेखांकित किया। युवा स्तंभकार लक्ष्मण सिंह यादव ने संगठन की महत्ता, वेब पत्रकारिता के भविष्य पर अपना विचार व्यक्त किया। शिक्षाविद अनीश कुमार झा ने पत्रकारिता पर तकनीक के प्रभाव और बदलावों पर अपनी बात रखी। ब्लॉगर त्रिलोकी नाथ कुंवर ने पत्रकारिता-साहित्य के अंतर्संबंधों और पत्रकारिता पर समाज और साहित्य के प्रभावों को विस्तार से समझाया। राजा गुप्ता ने लेखनी के महत्त्व को दर्शाया। डिजिटल पोर्टल लवली हिंदुस्तान के संपादक सुधांशु कुमार वर्मा(कर्ण) ने पत्रकारों के बीच आपसी सहयोग पर बल दिया। आनंद कुमार झा(लालाजी) ने पत्रकारिता के राष्ट्रवादी पक्ष को मजबूत बनाने की अपील की। कार्यक्रम के अंत में केक काटकर संगठन के संस्थापक और साहित्यांजलि प्रभा पत्रिका के संपादक डॉ भगवान प्रसाद उपाध्याय का जन्मदिवस मनाया गया।

कार्यक्रम में आगामी 16 नवंबर 2022 को मधुबनी जिला इकाई द्वारा संगठन के राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजन का प्रस्ताव रखा गया जिसे सभी ने उत्साहपूर्वक समर्थन किया। इस कार्यक्रम में प्रयागराज से डॉ. भगवान प्रसाद उपाध्याय, अधिवक्ता बालकृष्ण पांडेय समेत अन्य राष्ट्रीय पदाधिकारी शामिल होंगे और उस दौरान नेपाल के जनकपुर धाम में साहित्यिक यात्रा भी प्रस्तावित किया है।

सभी सदस्यों के संगठन के साथ ही पत्रकारिता, साहित्य विषयों पर राय व्यक्त करने के बाद सभी सदस्यों को संगठन में योगदान और सक्रिय पत्रकारिता-साहित्यकारिता के लिए प्रशस्ति पत्र और संगठन का नवीन/नवीनीकृत परिचय पहचान पत्र प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम में प्रो. जगदीश प्रसाद यादव, सुरेश कुमार गुप्ता, प्रशांत कुमार गुप्ता, सुधांशु कुमार वर्मा, रोहित कुमार, मनीष सिंह यादव, संजय कुमार पंडित, संजय तिवारी, अनीश झा, लक्ष्मण सिंह यादव, त्रिलोकी नाथ कुंवर, राजा गुप्ता, आनंद झा(लालाजी), जयप्रकाश कुमार, मुकेश कुमार, नरेश दास, स्वाति गुप्ता, शशिशांक कुमार उपस्थित हुए। कार्यक्रम संयोजन में दूरदर्शन (डीडी न्यूज/डीडी बिहार) के मधुबनी जिला संवाददाता सुभाष सिंह यादव की भी दूरस्थ भूमिका रही।

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By Editor