PFI का RSS कनेक्शन उजागर, RJD ने की रिश्ते की जांच की मांग

PFI से जुड़े SDPI के नेता ने NIA के सामने स्वीकार किया कि वह छह महीने तक RSS मुख्यालय में रह चुका है। राजद ने दोनों के बीच के रिश्ते की जांच की मांग की।

पीएफआई से जुड़े एसडीपीआई की उत्तर प्रदेश इकाई का अध्यक्ष निजामुद्दीन खान छह महीने तक आरएसएस मुख्यालय नागपुर में रह चुका है। वह वहां संघ की गतिविधियों में शामिल होता था। निजामुद्दीन ने एनआईए से पूछताछ में यह स्वीकार किया है। मीडिया में इस खबर के आने के बाद राजद के बिहार प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि संघ और पीएफआई के बीच के रिश्ते की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पता लगाया जाना चाहिए कि कहीं दोनों संगठनों में कोई गुप्त रिश्ता तो नहीं है।

हिंदुस्तान ने ‘PFI समर्थित SDPI का प्रदेश अध्यक्ष RSS के नागपुर हेडक्वार्टर में 6 महीने रहा, पता लगाई डिटेल’ शीर्षक से आज एक खबर प्रकाशित की है। खबर में कहा गया है कि एसडीपीआई की उत्तर प्रदेश इकाई का अध्यक्ष निजामुद्दीन खान छह महीने तक आरएसएस के नागपुर स्थित मुख्यालय में रह चुका है। उसने वहां रह कर संघ के कार्य करने के तरीके को समझा। यह वाकया 2012 का है। बाद में निजामुद्दीन खान संघ से अलग हो गया। अगल होकर उसने खासतौर से मुसलमानों और दलितों को संगठित करना शुरू किया।

राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि संघ का इतिहास बताता है कि वह देश में नफरत फैलाने, सांप्रदायिक द्वेष फैलाने के कार्य में लगा रहा है। इसीलिए देश के पहले गृहमंत्री सरदार पटेल ने संघ पर प्रतिबंध लगाया था। 1990 में तब के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने आडवाणी की रथ यात्रा रोक दी थी और आडवाणी को गिरफ्तार किया था। रथयात्रा में खुलेआम एक समुदाय विशेष के खिलाफ उत्तेजक नारे लगाए जा रहे थे, जिससे देश का माहौल बिगड़ रहा था। गगन ने कहा कि पीएफआई और संघ के रिश्ते की जांच होनी चाहिए।

राजद का फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद लालू प्रसाद ने बुधवार को पीएफआई से बदतर संगठन आरएसएस को बताया था और संघ पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। आज देश के तमाम अखबारों में लालू प्रसाद का बयान प्रकाशित हुआ है।

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