प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी को उन्हें अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पुन: निर्वाचित होने पर अपनी बधाई दी है. अपने संदेश में उन्होंने कहा कि मैं न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पुन: निर्वाचित होने पर बधाई देता हूं. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश मंत्रालय एवं राजनयिक मिशनों में कार्यरत उनकी संपूर्ण टीम को उनके अनथक प्रयासों के लिए बधाई, जिसके चलते अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारत के न्यायमूर्ति का पुनर्निर्वाचन हो सका. 

नौकरशाही डेस्‍क

पीएम ने कहा कि हम संयुक्त राष्ट महासभा के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी सदस्यों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हैं, जिन्होंने भारत के प्रति अपना समर्थन और विश्वास प्रकट किया है. बता दें कि जस्टिस दलवीर भंडारी ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ब्रिटेन के उम्मीदवार क्रिस्टोफर ग्रीनवुड को हरा कर बड़ी जीत हासिल कर ली है. इसके साथा ही वो दूसरी बार अतंराष्ट्रीय अदालत के जज बन गए हैं. जनरल एसेंबली में 183 मत मिले, जबकि सिक्योरिटी काउंसिल में जस्टिस भंडारी को 15 मत मिले हैं. बता दें कि साल 1945 में स्थापित आईसीजे में ऐसा पहली बार हुआ जब इसमें कोई ब्रिटिश न्यायाधीश नहीं होगा.

 एक नजर में दलवीर भंडारी

दलवीर भंडारी का जन्म वर्ष 1 अक्टूबर 1947 को राजस्थान के जोधपुर में हुआ था. उनके पिता और दादा राजस्थान बार एसोसिएशन के सदस्य थे. जोधपुर विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने राजस्थान उच्च न्यायालय में वकालत की.  साल 1991 में भंडारी ने दिल्ली में वकालत शुरू की. अक्टूबर 2005 में वो मुंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने.  दलवीर भंडारी ने 19 जून 2012 को पहली बार इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के सदस्य की शपथ ली थी. वो सुप्रीम कोर्ट में भी वरिष्ठ न्यायमूर्ति रहे हैं.

 

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