PM Sunak : शुक्र है, वहां केश छिलनेवाली नेता नहीं, न अंधभक्त

भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटिश PM बन रहे। शुक्र मनाइए, वहां किसी महिला नेता ने केश छिलवाने, सफेद साड़ी पहनने की धमकी नहीं दी। अंधभक्त होते तो क्या होता?

ऋषि सुनक ब्रिटिश प्रधानमंत्री बन रहे हैं। क्या ब्रिटेन में उन्हें विदेशी कह कर गाली दी जा रही है, क्या किसी महिला नेता ने कहा कि विदेशी मूल के सुनक प्रधानमंत्री बने, तो वे मुंडन करा लेंगी और आजीवन सफेद साड़ी पहनेंगी? नहीं, उन्हें विदेशी मूल का होने के लिए गाली नहीं दी जा रही है। भारत में भी गाली नहीं दी जा रही है।

एक सवाल है। भारत में जो लोग सुनक को लेकर खुश है, क्या भारत का प्रधानमंत्री कोई विदेशी मूल का बने, तब उनकी प्रतिक्रिया क्या होगी?

पाठकों को याद होगा। 2004 में कांग्रेस को बहुमत मिला। तब भाजपा की बड़ी नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि अगर सोनिया गांधी प्रधानमंत्री बनेंगी, तो वे मुंडन करा लेंगी। सफेद साड़ी पहनेंगी। पूरी भाजपा सोनिया के खिलाफ सिर्फ इसलिए खड़ी हो गई क्योंकि वे विदेशी मूल की हैं। आज भी सोशल मीडिया पर इटली, बार गर्ल से लेकर कितनी अभद्र टिप्पणी की जाती है, लोग जानते हैं। जो गाली नहीं देते, उनमें भी कितने लोग हैं, जो दिल से किसी विदेशी मूल के व्यक्ति को भारत का पीएम बनने पर खुश होंगे?

पत्रकार शकील अहमद ने कहा-ऋषि सुनक पर तो कोई सवाल ही नहीं है। हर चीज एप्रिशिएबल। सवाल तो हमारी हिप्पोक्रेसी पर है। कि हम कैसी दोहरी दृष्टि रखते हैं। सास दृष्टि! एक के लिए एक दूसरे के लिए दूसरी। इससे विश्व गुरु नहीं बनेंगे। उसके लिए दोहरा रवैया छोड़ना होगा। धर्म, जाति, रंग, नस्ल से उपर सोचना होगा।

पत्रकार श्याम मीरा सिंह ने कहा-ब्रिटेन में दक्षिण एशियाई नस्ल के व्यक्ति का चुना जाना उस देश की मानसिक तरक़्क़ी को दिखाता है। जिस देश में झूठे, पौंगा पंडित, साधुओं के भेष में दंगाई भाषा वाले, अयोग्य लोग चुने जाने लगें, ऐसी स्थिति उस देश की बौद्धिक अवनति की तरफ़ इशारा करती है।

लेखक अशोक पांडेय की टिप्पणी पर सोचिए। उन्होंने कहा-पश्चिमी देश क्यों विकसित हैं? क्योंकि वे किसी ऋषि सुनक या कमला हैरिस के नाम पर सिर मुँड़ाने की धमकी नहीं देते। एक ट्विटर यूजर केतन ने लिखा-ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन सकते हैं, लेकिन अपना देश छोड़कर आई एक महिला, जिसने अपने पति को खोया, अपनी सास को खोया। वो भारत की प्रधानमंत्री नहीं बन सकती। सोनिया गांधी के धर्म और उनके पुराने नाम को लेकर सबसे पहले निम्नस्तरीय टिप्पणियाँ मोदी ने गुजरात के CM रहते हुए की थीं।

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