पंजाब नेशनल बैंक में नीरव मोदी द्वारा किये गये 11 हजार करोड़ से ज्यादा  के घोटाले के बाद शेयरधारकों द्वारा धड़ा-धड़ शेयर बेचने से बैंक को अब तक 10 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. उधर देश भर में बैंक अकाउंट होल्डर्स का विश्वास भी डगमगाता जा रहा है.

ऐसे में लोग बैंक से अपने पैसे निकालने में जुटे हैं. कुछ ऐसी स्थिति बिहार में भी आ पहुंची है. पिछले कुछ दिनों में बड़ी संख्या में लोग बैंक से पैसे निकालने में लगे हैं. बैंक के अनेक ब्रांचेज ने तो सर्वर खराब होने जैसे अनेक बहाने बनाने लगे हैं. पटना में बैंक के अनेक ब्रांच से लोगों ने पैसे निकालने में जुटे हैं. एक अकाउंट होल्डर ने नौकरशाही डॉट कॉम को बताया है कि बैंक ने उन्हें कैश देने से मना कर दिया और कहा कि वह चाहें तो चेक या इल्काट्रानिक ट्रांस्फर कर लें.

उधर डिहरी के दिलौथी ब्रांच में से भी ऐसी ही शिकायतें मिली हैं. दलौथी ब्रांच के एक अकाउंट होल्डर ने नौकरशाही डॉट कॉम को बताया कि ब्रांच में एक सरकारी स्कूल का अकाउंट है जिसका संचालन वह करते हैं. उन्होंने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि 31 जनवरी से पहले ही बैंक को घोटाले की आंतरिक खबर मिल गयी थी क्योंकि 24 जनवरी को जब बैंक से पैसे निकालने लोग गये तो बैंक ने सर्वर खराब होने का बहाना बनाया और किसी ग्राहक को पैसे नहीं मिले. बैंक के अनेक ग्राहकों ने बताया कि 25 जनवरी को भी बैंक ने बहानेबाजी की और किसी ग्राहक को पैसे नहीं दिये.

गौरतलब है कि 31 जनवरी को  पीएनबी ने 11 हजार चार सौ करोड़ रुपे के फ्रॉड ट्रांजेक्शन द्वारा पैसे निकाल लिये जाने की सूचना शेयर बाजार को दी. साथ ही इस मामले में सीबीआई द्वारा जांच करने की बात स्वीकारी. इस बीच बैंक ने बाजाब्ता धोखाधड़ी संबंधे एफआईआऱ मुम्बई में दर्ज करा दी.

इस खबर के सार्वजनिक होने के बाद शेयर बाजार में पीएनबी के शेयरों की जबर्दस्त बिकरी शुरू हो गयी जिससे बैंक को अब तक दस हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है. मनी कंट्रोल के मुताबिक बैंक की कुल परिसम्पत्ति 36 हजार करोड़ की है. लेकिन घोटाला उजागर होने के बाद इसे अब तक 22 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. यह रकम बैंक की कुल परिसम्पत्ति का आधा से भी ज्यादा है.

ध्यान रहे कि इस घोटाले के प्रमुख आरोपी हीरा व्यवसाई नीरव मोदी हैं जो पहले ही अपने परिवार के साथ देश छोड़ चुके हैं.

 

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