प्रियंका से परेशान भाजपा, जान ले रही खाद की किल्लत

कल तक यूपी में कांग्रेस को कोई ताकत नहीं माननेवालों ने सुर बदल लिए हैं। प्रियंका गांधी खाद की किल्लत के कारण जान गंवानेवाले किसानों के घर पहुंचीं।

आज कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी यूपी के ललितपुर पहुंचीं। बुंदेलखंड के इस सुदूर गांव में पहुंचनेवाली वे पहली राष्ट्रीय नेता हैं। यहां खाद की किल्लत के कारण चार किसानों को जान गंवानी पड़ी। प्रियंका ने ऐसे परिवारों से मुलाकात की, उनकी परेशानी जानी। बाद में उन्होंने किसानों का दर्द प्रेस के सामने बयां किया।

प्रियंका गांधी लगातार दिखा रही हैं कि संगठन कमजोर होने के बाद भी किस तरह कोई नेता चाह ले, तो वह जनता के दुख-दर्द को साझा कर सकता है। पीड़ित जनता की आवाज बन सकता है और इस क्रम में कदम-ब-कदम लोगों का भरोसा जीतते हुए अपने संगठन को भी नई जमीन प्रदान कर सकता है।

लखीमपुर में किसानों को कुचल कर मारे जाने के बाद पीड़ितों के बीच वे सबसे पहले पहुंची थीं। फिर आगरा में एक दलित की हिरासत में मौत मामले में भी वे सबसे पहले पहुंचीं। अब वे बुंदेलखंड के किसानों का दर्द बांटने पहुंच गईं। भाजपा समझ नहीं पा रही है कि प्रियंका के इन कदमों की काट कैसे करे।

ललितपुर में पीड़ित परिवारों से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि दो किसानों की मौत खाद के लिए लाइन में भूखे-प्यासे कई दिनों तक खड़े रहने के कारण हुई तथा दो किसानों ने खाद की किल्लत के कारण आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा कि इलाके में खाद की भारी किल्लत है। लोग कई-कई दिनों तक एक बोरी खाद के लिए लाइन में लग रहे हैं। खाद भी 50 किलो की जगह 45 किलो ही दी जा रही है।

प्रियंका गांधी ट्रेन से ललितपुर पहुंचीं। उन्होंने रवाना होते समय लखनऊ स्टेशन पर कुलियों की समस्याएं सुनीं।

प्रियंका ने बुंदेलखंड पहुंचने से किसानों का मुद्दा फिर से गरमा गया है। कांग्रेस ने कहा-जहाँ अन्याय होगा, हम वहाँ खड़े मिलेंगे; वह चाहे लखीमपुर खीरी हो या ललितपुर, हम न्याय की लड़ाई लड़ते रहेंगे।

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