पुलवामा के शहीदों के परिजनों ने कहा, केंद्र क्यों नहीं बता रहा सच्चाई

गोदी टीवी व प्रमुख अखबारों ने पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक के खुलासे को भले गायब कर दिया, लेकिन मामला दबा नहीं। शहीदों के परिजनों ने कहा, केंद्र बताए सच्चाई।

पुलवामा आतंकी हमले के वक्त जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे सतपाल मलिक के खुलासे को गोदी मीडिया और प्रमुख अखबारों ने गायब कर दिया। लेकिन सोशल मीडिया की पहुंच के कारण मलिक के खुलासे से धीरे-धीरे देश परिचित हो रहा है। अब पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए दो जवानों के बुजुर्ग मां-पिता ने केंद्र की मोदी सरकार से कहा है कि वह सच्चाई बताए। मालूम हो कि सतपाल मलिक ने द वायर के पत्रकार करण थापर को दिए इंटरव्यू में कहा था कि पुलवामा का हमला टाला जा सकता था। 40 जवानों की शहादत भी नहीं होती, अगर केंद्र सरकार ने जवानों की मांग मान ली होती। सीआरपीएफ ने केंद्र से एयरक्राफ्ट की मांग की थी। मलिक ने स्पष्ट कहा था कि 40 जवानों की शहादत के लिए पाकिस्तानी आतंकी जिम्मेदार थे, लेकिन हमारी भी गलती थी। इसके साथ ही उन्होंने रास्ते को सेनेटाइज नहीं किए जाने का गंभीर मामला भी उजागर किया था। जब भी सेना इस तरह से कहीं जाती है, तो उस सड़क में मिलने वाली अन्य सड़कों को बंद कर दिया जाता है, ताकि दूसरी सड़क से कोई वाहन काफिले के बीच न घुस जाए।

कोलकाता से प्रकाशित द टेलिग्राफ ने पुलवामा के शहीदों के परिजनों से मुलाकात की। पुलवामा हमले में बंगाल के दो जवान भी शहीद हुए थे- सुदीप विश्वास (नदिया जिला) और बबलू संत्रा (पावड़ा)। सतपाल मलिक के खुलासे के बाद दोनों के परिजनों के घान ताजा हो गए हैं। तब 28 साल के सुदीप साथी जवानों के साथ बस में थे। 40 वर्ष के बबलू रिटायर होनेवाले थे।

सुदीप के पिता 68 वर्षीय संन्यासी विश्वास ने कहा, मुझे आज तक मालूम नहीं हो सका कि वास्तव में घटना कैसे हुई। इन चार वर्षों में कई बार तई तरह की बातें सुनने को मिली, लेकिन निश्चित रूप से कोई जानकारी नहीं दी गई। संन्यासी बीमार पत्नी और बेटी दामाद के साथ रहते हैं। बेटी झंपा ने कहा कि उनके माता-पिता आज भी जानना चाहते हैं कि पुलवामा हमले के लिए वास्तव में कौन जिम्मेदार है। बबलू की मां पुलवामा की बात होते ही रोने लगती हैं। पत्नी का भी बुरा हाल है।

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