पंजाब के किसान नंदीग्राम में भाजपा के खिलाफ करेंगे सभा

बंगाल चुनाव में सबसे खास सीट बन गई है नंदीग्राम, जहां आज ममता ने अपना नामांकन दाखिल किया। तीन दिन बाद पंजाब के किसान नेता वहां सभा करेंगे।

कुमार अनिल

पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं। इनमें सबकी नजर बंगाल पर है और बंगाल में भी सबसे खास सीट बन गई है नंदीग्राम। यहां से आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नामांकन दाखिल किया।

इतना ही नहीं, अब खबर आ रही है कि यहां 13 मार्च को पंजाब के किसान नेता सभा करेंगे। एमएसपी पर कानून बनाने तथा तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए चल रहे आंदोलन के बारे में लोगों को बताएंगे। वे यह भी बताएंगे कि किस प्रकार किसानों के लिए हिंदू-मुस्लिम एकता जरूरी है। पश्चिम उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर दंगे के बाद दोनों समुदाय पहली बार एक मंच पर आए हैं। इससे उनका आंदोलन और सरकार पर दबाव दोनों बढ़ा है।

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पंजाब के किसान नेताओं ने कहा है कि वे बंगाल के लोगों से भाजपा को वोट नहीं देने की अपील करेंगे। किसे वोट देना है, यह नहीं कहेंगे। इससे इतना तो तय है कि जब वे केंद्र सरकार द्वारा दमन किए जाने, किसानों को बांटने की कोशिश का जिक्र करेंगे, तो माहौल भाजपा के खिलाफ ही बनेगा।

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बंगाल चुनाव में भाजपा के आशोल परिवर्तन और तृणमूल के बंगाल चाहे बंगाल की बेटी नारों के बीच पंजाब-हरियाणा के किसान नेताओं के पहुंचने से यहां चुनाव में एक तीसरा नया एंगल जुड़ गया है। किसान नेता नंदीग्राम के अलावा कोलकाता और आसनसोल में भी सभा करेंगे।

किसान नेताओं के बंगाल में सभा करने से स्पष्टतः भाजपा को नुकसान होगा। भाजपा अब तक इस तीसरे एंगल का जवाब तैयार नहीं कर पाई है। इससे पहले माना जाता था कि दिल्ली के आसपास के प्रदेशों में चल रहा किसान आंदोलन देश के अन्य हिस्सों में कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाएगा।

लेकिन अब जिस तरह वहां कई किसान नेता पहुंच रहे हैं, इससे बंगाल में किसानों का मुद्दा चुनावी मुद्दा बन सकता है। आज नामांकन के बाद ममता ने नंदीग्राम-सिंगूर किसान आंदोलन में शहीद हुए कार्यकर्ताओं का नमन किया। कल उन्होंने दुर्गासप्तशती का सस्वर मंच से पाठ करके लोगों को चौंकाया था।

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