राज्यपाल बोले-भ्रष्टाचार हुआ, प्रधानमंत्री चुप, कांग्रेस आक्रामक

राफेल से लेकर अयोध्या में चंदा चोरी का विपक्ष ने आरोप लगाया। सरकार ने खारिज किया। अब 70 साल में पहली बार राज्यपाल बोले-भ्रष्टाचार हुआ। सन्नाटा क्यों?

कुमार अनिल

आप कल्पना कीजिए पुराने भारत में कोई राज्यपाल कहते कि राज्य में भ्रष्टाचार हुआ है, तो क्या सरकार चुप रह सकती थी? लेकिन यह न्यू इंडिया है। गोवा के राज्यपाल रह चुके और अब मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि वे जब गोवा के राज्यपाल थे, तब वहां की सरकार भ्रष्टाचार में डूबी थी। हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार था। यहां तक कि कोरोना से बचाव के कार्य में भी घोटाला था। आजादी के बाद शायद यह पहला मौका है, जब किसी राज्यपाल ने इस तरह खुलकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।

राज्यपाल के आरोप के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवालों की बौछार कर दी है। कांग्रेस ने कहा कि घोटालेबाजों पर कार्रवाई के बजाय राज्यपाल का ही तबादला कर दिया गया।

कांग्रेस ने कहा- गोवा के पूर्व राज्यपाल और मेघालय के वर्तमान राज्यपाल सत्यपाल मलिक जी ने भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। राशन से लेकर खनन तक के मामले भ्रष्टाचार के घेरे में है। आरोपों की गहन जांच पड़ताल होनी चाहिए। गोवा सरकार में कोरोना नियंत्रण के नाम पर खूब भ्रष्टाचार हुआ। लेकिन भ्रष्टाचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। क्या प्रधानमंत्री देशवासियों को बताएंगे- उन्होंने भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की?

सत्यपाल मलिक ने यह भी कहा- देश में सच की आवाज को दबाया जा रहा है, सरकार के खिलाफ उठने वाली आवाजों को कुचला जा रहा है। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ भय में है, डर के साये में है। कोई सच बोलने की हिम्मत नहीं कर रहा।

सत्यपाल मलिक का इंटरव्यू सोशल मीडिया में आते ही #CorruptBJPExposed ट्रेंड करने लगा। कांग्रेस ने कहा-भाजपा राजनीति को मिशन से कारोबार तक लेकर आई है, भाजपा दिन-प्रतिदिन राजनीति का स्तर गिराती जा रही है। अनेक लोग पूछ रहे हैं-प्रधानमंत्री के ‘ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा’ के नारे की पोल राज्यपाल महोदय ने खोल दी है। देश जानना चाहता है- भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाले प्रधानमंत्री गोवा सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर मौन क्यों हैं?

तस्वीर बता रही कांग्रेस भी बदल रही, तलाश रही नई जमीन

By Editor