Ranchi Police की गुंडागर्दी, सौकड़ों फायरिंग से बर्बाद किया दर्जनों जीवन

हजरत मोहम्मद साहब की तौहीन के खिलाफ रांची में हुए प्रदर्शन पर पुलिस ने कैसे आतंकवादियों की तरह कहर ढ़ाया. पढ़िये पुलिस गुंडागर्दी की पुरी कहानी.

इर्शादुल हक, एडिटर नौकरशाही डॉट कॉम

देश के अन्य हिस्सों की तरह रांची ( Ranchi) में भी जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन हुआ. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान पुलिस ने डेढ़ सौ राउंड सीधी फायरिंग की जिससे 24 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए.

खुद पुलिस ने क्विंट से स्वीकारा है कि इस फायरंगि में कम से कम दो लोगों की मौत हुई है. हालांकि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है.

दर असल मस्जिद में नमाज अदा करने के बाद कुछ युवा नुपुर शर्मा के पुत्ले में आग लगाया. इस दौरान नारेबाजी की. देखते-देखते भीड़ बढ़ने लगी. वहीं दूसरी तरफ से भी भारी भीड़ एकट्ठी होती चली गयी और वह आगे बढ़ने लगी. इस वक्त तक डेली मार्केट थाने की कुछ जवान ही वहां मौजूद थे. डेली मार्केट थाना अध्यक्ष अवधेश कुमार दीगर जवानों के साथ प्रदर्शनकारियों को धक्कामुक्की करके भगा देना चाहते थे. ताकि प्रदर्शनकारियों की भीड़ इकट्ठी न हो. इस के बाद प्रदर्शनकारियों पर बेरहमी से लाठियां बरसाई गयीं और उन्हें खदेड़-खदेड़ कर मारा जाने लगा. इसी दरम्यान जब रांची के एसएसपी सुरेंद्र झा और सिटी एसपी अनशुमन कुमार भी लाठियों से आक्रमण शुरू कर दिया. भीड़ को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया.

नियंत्रित करने के बजाये पुलिस ने हमला किया

इतना ही नहीं जब लोग गिर पड़ते थे तो पुलिस गिरे हुए लोगों को भी नहीं बख्श रही थी. कई लोगों के हाथ पैर पीट कर तोड़ डाले गये. इस वक्त तक भीड़ में शामिल लोग उग्र हो गये और वे ईंट पत्थर चला कर बदला लेना चाहते थे. भीड़ ने ताबड़-तोड़ पत्थरबाजी और रोड़ेबाजी शुरू कर दी. काफी देर तक जब यही स्थिति बनी रही तो कई पुलिसकर्मी घायल हो गये. डेली मार्केट थाना अध्यक्ष अवधेश कुमार ठाकुर का सर फूट गया. वह लहुलुहान हो गये. उनके सर से खून बहता देख जवान हतोत्साहित होने लगे. लेकिन इसी बीच उनका उत्साह बढ़ाने के लिए आदेश हुआ कि वे गोली चलायें.

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दैनिक भास्कर ने लिखा है कि डीसी छवि रंजन ने गोली चलाने का आदेश दिया. उन्होंने कहा कि हवाई फायरिंग करो. लेकिन जवानों ने कहा कि गोलियों का हिसाब कैसे देंगे. उसके बाद विडियो में साफ दिख रहा है कि पुलिस ने भीड़ पर सीधी गोलियां चलानी शुरू कर दी. ताबड़ तोड़ लोग बुरी तरह घायल हो कर गरिते रहे. इस तरह 24-25 लोगों को गोली लगी. पुलिस का कहना है कि भीड़ से भी गोली चली. पत्थरबाजी में दो तीन पुलिस वाले भी घायल हुए.

देर रात तक खबर आई कि गोली लगने से 24 वर्षीय मोहम्मद साहिल और 22 वर्षीय मोहम्मद कैफ की पुलिस गोली से मौत हो गयी.

शहर के डीसी छवि रंजन को पता भी नहीं था कि जुलूस के लिए परमिशन ली गयी थी या नहीं. जब दैनिक भास्कर ने उनसे पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि हम इसकी जांच कर रहे हैं.

यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि जुलूस में भीड़ ज्यादा हो गयी तो पुलिस ने बिला वजह लाठियां क्यों बरसाने लगी. लोगों को क्यों दौड़ा दौड़ा कर पीटा गया. पुलिस के इस जुल्म से आहत लोग उग्र हो गये और उन्होंने बदले में पत्थराव शुरू कर दिया. दूसरा सवाल यह है कि पुलिस ने सीधे प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के बजाये कमर से नीचे गोली क्यों नहीं चलायी. रांची पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल यह है कि उसने जुलूस को बलपूर्वक रोका.

By Editor