रिमांड होम दुष्कर्म : पीड़ितों का पक्ष सुने बिना सरकार ने दी रिपोर्ट

जन पहल की महिला नेता कंचन बाला ने कहा कि पटना महिला रिमांड होम में दुष्कर्म मामले में पीड़िताओं का पक्ष सुने बिना ही रिपोर्ट दे दी। यह फर्जी रिपोर्ट है।

कंचन बाला

लोकतांत्रिक जन पहल की जानी- मानी सामाजिक- राजनीतिक महिला नेता कंचन बाला ने पटना महिला रिमांड होम में बलात्कार की शिकार पीड़िता के मामले में नीतीश सरकार की रिपोर्ट को गैरकानूनी और सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के न्यायिक आदेशों व मार्गदर्शन का खुला उल्लंघन करने वाला बताया है।

उन्होंने पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से अपील की है कि वे इस मामले में सरकार के सर्वोच्च कार्यपालिका को भी तलब कर उनके खिलाफ आपराधिक करवाईं सुनिश्चित करने का निर्देश देने की कृपा करें।

उन्होंने ने कहा कि समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बिना पीड़िता से मिले और बिना उसके पक्ष को जाने फर्जी जांच रिपोर्ट दी है और पीड़िता को ही कलंकित करने का प्रयास किया है। यह नीतीश सरकार के महिला विरोधी चरित्र को एक बार फिर उजागर करता है।

उल्लेखनीय है कि कुख्यात मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार कांड का हश्र हम जानते हैं। अभी हाल में पटना के रूपसपुर थाना अंतर्गत निवासी एक बलात्कार पीड़िता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जनता दरबार में मिलकर थाने से लेकर डीजीपी तक के आपराधिक रवैए का खुलासा किया । पीड़िता ने मुख्यमंत्री को बताया कि जब वह डीजीपी से मिली, तो उन्होंने कहा कि तुम लड़कियां ही लड़कों को बलात्कार के लिए उकसाती हो। यह खबर और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। नीतीश जी ने डीजीपी पर क्या कार्रवाई की?

कंचन बाला ने कहा कि समाज कल्याण विभाग के द्वारा किए गए फर्जी जांच में पीड़िता को चरित्रहीन साबित करने की अश्लील कोशिश की गयी है। उल्लेखनीय है कि बलात्कार के मामले में चरित्रहीनता के तर्क को न्यायिक फैसलों में पूरी तरह खारिज करते हुए कहा है कि बिना सहमति से किसी भी महिला यौन संबंध बनाना बलात्कार है।

कंचन बाला ने कहा है कि हमारा समाज पुरुष सत्तात्मक है। सेक्स के मामले में हमेशा महिला को ही कलंकित करने और दोषी मानने की गहरी परंपरागत मानसिकता हमारे समाज में व्याप्त है, इसी सड़ी-गली महिला विरोधी मानसिकता का सहारा लेकर सरकार अपना बचाव कर रही है।

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