RJD : BJP बिहार को बदनाम कर रही, ML : CM को लिखा पत्र

फुलवारीशरीफ मामले पर राजद ने कहा प्रायोजित आतंकवाद के नाम पर बिहार को बदनाम किया जा रहा। उधर, भाकपा माले ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखा पत्र।

माले की जांच टीम से बात करते स्थानीय व्यक्ति

आज फुलवारीशरीफ मामले पर राजद ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के पार्टनर ही सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं। वे प्रायोजित आतंकवाद के जरिये बिहार को बदनाम कर रहे हैं। उधर, भाकपा माले ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर बताया कि पार्टी ने फुलवारीशरीफ का दौरा किया। स्थानीय लोगों तथा प्रमुख संगठनों से बात की। आतंकवाद का कोई सबूत नहीं मिला। घटना के बहाने पूरे मुस्लिम समुदाय और फुलवारीशरीफ को बदनाम किया जा रहा है।

राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा-सरकार के पार्टनर दल‌ द्वारा ही बिहार को अस्थिर करने की साजिश भी की जा रही है।‌ प्रायोजित आतंकवाद और धार्मिक उन्माद के नाम पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिहार को बदनाम किया जा रहा है। चुकी आतंकवाद और धार्मिक धुर्वीकरण भाजपा के राजनीतिक मिशन का‌ सबसे महत्वपूर्ण हथियार है। देश के अन्दर ऐसी कई घटनाओं में भाजपा से जुड़े लोगों के नाम सार्वजनिक भी हो चुके हैं। 2017 में मध्य प्रदेश में आतंकवाद विरोधी दस्ते ने आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में भाजपा आईटी सेल के संयोजक ध्रुव सक्सेना को दस सहयोगियों के साथ गिरफ्तार किया था। इसी प्रकार मध्य प्रदेश से हीं 2019 में बजरंग दल के नेता बलराम सिंह को आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार हुआ था। इसी साल जोधपुर से प्रदीप कुमार, सूरतगढ़ से नितिन और चुरू से राम सिंह की गिरफ्तारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से सम्पर्क के सिलसिले में हो चुकी है।

इस बीच भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा-फुलवारीशरीफ कथित आतंकी व देशविरोधी गतिविधियों के संबंध में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से भाकपा-माले ने मुख्यमंत्री से मामले को अपने स्तर से देखने की अपील की है.

भाकपा-माले ने अपने पत्र में कहा है कि एक – दो संदिग्ध घटनाओं के आधार पर पूरे मुस्लिम समुदाय व फुलवारीशरीफ को बदनाम किया जा रहा है. प्रशासन व पुलिस के हवाले से फुलवारी को ‘आतंक की फुलवारी’ बताया जा रहा है. लगातार अनर्गल, झूठे व नफरत फैलाने वाली खबरों की वजह से मुस्लिम समुदाय खौफ में जी रहा है. जबकि एक दिन पहले ही भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि विचाराधीन मामलों में मीडिया ट्रायल बंद हो.

उन्होंने कहा कि पुलिस आम लोगों को कोई सबूत नहीं दिखलाती, लेकिन मीडिया में ये खबरें खूब प्रचारित हो रही हैं. इससे भ्रम की स्थिति बनी हुई है.

हमारा मानना है कि यह भाजपा के मिशन 2024 का हिस्सा है, जिसमें मुसलमानों को बदनाम करके वोटों के ध्रुवीकरण की साजिशें की जा रही हैं. संविधान व लोकतंत्र का तकाजा है कि इन मामलों का मीडिया ट्रायल बंद हो. मुस्लिम समुदाय व फुलवारीशरीफ को बदनाम करने की साजिश करने वालों पर कार्रवाई की जाए. अतः इस मामले में मुख्यमंत्री को अपने स्तर से हस्तक्षेप करना चाहिए.

संसद : अब नहीं ला सकते तख्तियां, LS में कांग्रेस के 4 सदस्य सस्पेंड

By Editor