ओवैसी मोर्चे के साथ गठबंधन के लिए पार्टियों में लगी होड़, कुशवाहा भी शामिल

शाहबाज़ की विशेष रिपोर्ट

बिहार के 16 % से अधिक मुस्लिम वोट पाने के लिए विभिन्न पार्टियां धड़ाधड़ ओवैसी के मोर्चे में शामिल हो रही है. इसी क्रम में आज राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) भी ओवैसी के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल हो गए हैं.

बिहार के मुस्लिम आबादी में AIMIM (All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की मज़बूत पकड़ को देखते हुए बिहार की पार्टियों में ओवैसी मोर्चे में शामिल होने की होड़ लग गयी है. हाल ही में ओवैसी ने बिहार में अलग गठबंधन बनाया था. गठबंधन का ऐलान होते ही पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव की समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक (SJDD) ने ओवैसी से हाथ मिलाया। अब ओवैसी के गठबंधन में उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के साथ उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) समेत 6 दल है.

क्या ओवैसी का दामन थाम सकते है कुशवाहा ?

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने आज पटना में नए फ्रंट (मोर्चे) की घोषणा की है. इस गठबंधन का नाम ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेकुलर फ्रंट (Grand Democratic Secular Front, GDSF) होगा। ओवैसी ने इसकी घोषणा की और बताया कि GDSF में कुल 6 दल है एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व सांसद देवेंद्र यादव इस फ्रंट के संयोजक रहेंगे. उपेंद्र कुशवाहा ओवैसी गठबंधन की तरफ से सीएम पद के उम्मीदवार होंगे.

ओवैसी के नेतृत्व वाली GDSF में AIMIM, SJDD, RLSP, BSP के आलावा सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी और जनतांत्रिक पार्टी सोशलिस्ट समेत कुल 6 दल है.

प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हमें ख़ुशी है कि हम बिहार के लोगों को ऑप्शन दे सके हैं और हमारे साथ नए सियासी दल आए हैं. नीतीश सरकार के शासन में 15 वर्ष बिहार की जनता से धोखा किया गया है, ऐसे में अब नए विकल्प की आवश्यकता है.

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ओवैसी द्वारा गठित GDSF में शामिल होने के बाद RLSP प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में एनडीए और महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारा गठबंधन तैयार हो गया है, किन्तु महागठबंधन और NDA आपस में ही लड़ रहा है. भाजपा अपनी सहयोगी पार्टी के खिलाफ ही तीसरी पार्टी के माध्यम से चुनाव लड़ रही है.

कुशवाहा ने राज्य में शिक्षा की स्थिति पर बोलते हुए कहा कि शिक्षा का कोई औचित्य नहीं बचा है, केवल पैसों वाले बच्चों की पढ़ाई हो रही है. रोजगार के लिए लोग बाहर जाने को मजबूर हैं.

By Editor