RS Bhatti के DGP बनने के बाद बिहार पुलिस में क्रांतिकारी बदलाव

DGP RS Bhatti ने पद संभालते ही ऐसी क्या क्रांति ला दी है कि बिहार पुलिस के एक ट्वीट पर मिलने लगे हैं 13 लाख से ज्यादा व्यू। जानिए किस प्रकार हुआ कायाकल्प।

इर्शादुल हक, संपादक, नौकरशाही डॉट कॉम

RS Bhatti के DGP बनने के बाद बिहार पुलिस में क्रांतिकारी बदलाव आया है। बिहार पुलिस ट्वीट के जरिये जो जानकारी दे रही है, उसे लाख-लाख लोग देख रहे हैं। तमिलनाडु और बिहार में तनाव फैलाने के लिए एक पर एक जारी किए जा रहे फर्जी वीडियो का जिस प्रकार बिहार पुलिस ने तत्परता से खंडन किया, उसने बहुत बड़े अनहोनी से बिहार को बचा लिया। पुलिस ने फर्जी पत्रकार और यू-ट्यूबर का जब बैंक खाता सील करने की जानकारी दी, तो उसे 13 लाख लोगों ने देखा-पढ़ा।

बिहार के डीजीपी बनने के साथ ही वरिष्ठ आईपीएस आरएस भट्टी ने पुलिस महकमे को साफ कह दिया था कि सोशल मीडिया पर सक्रिय होइए। इसके लिए उन्होंने हफ्ते भर का समय दिया था। और इसके बाद बिहार पुलिस जो बदलाव आया है, उसे कायाकल्प ही कहा जाएगा। बिहार पुलिस के वही अधिकारी हैं, वही पुलिसकर्मी हैं, लेकिन नेतृत्व बदला, तो महकमे का तेवर बदल गया। इसका श्रेय डीजीपी आरएस भट्टी को ही जाता है।

डीजीपी के आदेश के बाद हर जिला पुलिस में अलग से सोशल मीडिया सेल का गठन किया गया है। इस सेल के जरिये जिला पुलिस की हर कार्रवाई को सोशल मीडिया में लाया जाता है। इसमें से खास को चुन कर बिहार पुलिस सोशल मीडिया में साझा करती है, ताकि उसके फॉलोअर्स हमेशा अपडेट रह सकें। अच्छा होगा कि बिहार पुलिस सोशल मीडिया सेल के लिए अलग से पद सृजित करे और ऐसे लोगों को बहाल करे, जो सोशल मीडिया हैंडल करने के एक्सपर्ट हों। अगर गृह विभाग इस दिशा में कदम उठाता है, तो इसका दूसरे राज्य भी अनुसरण करेंगे।

डीजीपी आरएस भट्टी ने बिहार पुलिस का कायाकल्प करके बिहार को दो बड़े लाभ दिए हैं। पहला, संविधान ने आम जनता को सूचना का अधिकार दिया है। इस अधिकार को आरएस भट्टी ने जमीन पर उतार कर दिखाया है। अब आम लोग हर क्षण देख रहे हैं कि बिहार पुलिस क्या कर रही है। उसे हर सूचना घर बैठे मिल रही है। किसी जिले में क्राइम होने के बाद उस मामले में क्या कार्रवाई हुई, यह सब जानकारी के लिए किसी को थाने दौड़ने, पैरवी करने की जरूरत नहीं रही।

भट्टी के कारण बिहार को दूसरा लाभ यह मिला कि पारदर्शिता के कारण पुलिस जिम्मेदार बनी है। थाने तक को मालूम है कि सबसे ऊपर की कुर्सी पर बैठा व्यक्ति भी उसे देख रहा है। अब तो आम लोग और कस्बे के पत्रकार भी क्राइम होने पर उसका वीडियो बिहार पुलिस को टैग करके सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं। इसके बाद कार्रवाई भी हो रही है।

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