समाधान यात्रा के बाद भारत यात्रा पर निकलेंगे नीतीश!

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को प. चंपारण से समाधान यात्रा शुरू की। इस दौरान उन्होंने संकेत दिया कि वे भारत यात्रा पर निकलेंगे। यूपी पर रहेगा जोर।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार यात्रा शुरू कर दी। इसका नाम समाधान यात्रा रखा गया। चंपारण के एक गांव में बच्चों ने स्कूल नहीं होने की शिकायत की, तो मुख्यमंत्री ने स्कूल खोलने का आदेश दिया। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने समाधान यात्रा के बाद विपक्ष को एकजुट करने के उद्देश्य से भारत यात्रा पर निकलने का संकेत दिया।

मुख्यमंत्री पहले भी कह चुके हैं कि अगर सारे विपक्षी दल एकजुट हो कर प्रयास करें, तो 2024 में भाजपा को सत्ता से बाहर किया जा सकता है। वे पिछले साल सितंबर में दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित विपक्ष के कई नेताओं से संवाद कर चुके हैं। पश्चिम चंपारण में समाधान यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री से पत्रकारों ने पूछा था कि समाधान यात्रा के बाद क्या वे भारत यात्रा पर निकलेंगे? जवाब में मुख्यमंत्री ने भारत यात्रा करने का खंडन नहीं किया, बल्कि कहा कि वे एक बार बिहार घूम लेना चाहते हैं। कहां क्या काम हुआ है, उसे देख लेना चाहते हैं। कहीं अगर कोई कमी रह गई है, तो उसे दूर कर देना चाहते हैं। मुख्यमंत्री के इस बयान का अर्थ माना जा रहा है कि वे बिहार विधान सभा के बजट सत्र के बाद भारत यात्रा पर निकल सकते हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहचान तो देशभर में है, लेकिन बिहार के बाद झारखंड और यूपी में जदयू का अपना संगठन भी है। इन दोनों प्रदेशों में यूपी का राजनीतिक मह्तव ज्यादा है। 2022 विधानसभा चुनाव में जदयू ने प्रत्याशी भी उतारे थे। हालांकि इसमें काफी देर हुई थी। तब केंद्रीय मंत्री रहे आरसीपी सिंह को भाजपा नेतृत्व से बात करने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन वे भाजपा से एक भी सीट लेने में कामयाब नहीं रहे थे। अंतिम समय में राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की और उम्मीदवार उतारे। उप्र में कुर्मी आबादी लगभग छह प्रतिशत है और जदयू की नजर इसी तबके पर है। जदयू ने इस दिशा में काम शुरू किया, तो यूपी में भाजपा को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

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By Editor