सम्राट अशोक को Aurangzeb जैसा बताने पर भाजपा पर भड़के मांझी

सम्राट अशोक को औरंगजेब जैसा बताने का मामला थमने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है। राजद, जदयू के बाद अब हम के अध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी भी भड़के।

बिहार की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। भाजपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के संयोजक दया प्रसाद सिन्हा के नाटक सम्राट अशोक पर विवाद थमने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने सम्राट अशोक की Aurangzeb से तुलना करनेवाले नाटककार दया प्रसाद सिन्हा का पद्म पुरस्कार वापस लेने की मांग की है। उन्होंने राष्ट्रपति से पद्म पुरस्कार वापस लेने की मांग करते हुए भाजपा पर जमकर हमला बोला।

जीतनराम मांझी ने कहा कि सामंती लोग नहीं चाहते कि कोई गरीब पिछड़ा, दलित सत्ता के शिखर पर पहुंचे, इसीलिए सम्राट अशोक को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने ट्वीट किया- कुछ लोग सम्राट अशोक का अपमान सिर्फ इसलिए कर रहें है कि वह पिछडी जाति से थें। ऐसे सामंती लोग नहीं चाहतें हैं कि कोई दलित/आदिवासी/पिछडा का बच्चा सत्ता के शिर्ष पर बैठे। मा.राष्ट्रपति से आग्रह है कि हमारे शैर्य के प्रतिक सम्राट अशोक पर टिप्पणी करने वालों का पद्म सम्मान वापिस लें। सोशल मीडिया पर अनेक लोगों ने पूर्व मुख्यमंत्री मांझी की मांग का समर्थन किया है।

मांझी के स्टैंड लेने के बाद एनडीए में भाजपा पूरी तरह अलग-थलग पड़ गई है। इससे पहले वह जातीय जनगणना के सावल पर भी अलग-थलग पड़ गई थी। वह मामला भी खत्म नहीं हुआ है और कभी भी फिर से उभर सकता है। सम्राट अशोक मामले में भी भाजपा पर दबाव बढ़ता जा रहा है। सिर्फ यह कहने से काम नहीं चलेगा कि सिन्हा का संबंध भाजपा से नहीं है। अब तो पद्म पुरस्कार वापस लेने की मांग हो रही है। अगर सिन्हा भाजपा से जुड़ा नहीं है, तो पार्टी के नेता पद्म पुरस्कार वापस लेने की मांग क्यों नहीं करते। आखिर दिल्ली में उनकी ही सरकार है।

आज ट्विटर पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को फॉलो करनेवालों की संख्या एक लाख हो गई। इस पर मांझी ने सबको धन्यवाद भी कहा है।

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