सम्राट अशोक पर नीतीश का बड़ा एलान, JDU का दावा हुआ मजबूत

सम्राट अशोक के बहाने कुशवाहा समाज को जीतने की कोशिश में जदयू और भाजपा के बीच रस्साकशी। आज मुख्यमंत्री के एलान के बाद JDU का दावा हुआ मजबूत।

बिहार में सम्राट अशोक की जयंती पर एक नई रजनीतिक रस्साकशी दिख रही है। पहले भाजपा ने कल जयंती मना कर उनकी विरासत का वारिस खुद को साबित करने की कोशिश की, तो आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा एलान कर दिया। उन्होंने कहा कि आगे से सम्राट अशोक की जयंती पर राजकीय समारोह होगा। इसके साथ ही उन्होंने जन्मतिथि और काल्पनिक चित्र तैयार करने के पीछे अपने प्रयासों की भी जानकारी दी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज महान सम्राट अशोक की जयंती के अवसर पर सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र परिसर में स्थापित सम्राट अशोक की सांकेतिक मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सम्राट अशोक की जयंती राजकीय समारोह के रूप में मनाई जाएगी। माल्यार्पण कार्यक्रम के पश्चात पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्राट अशोक की जन्म तिथि पर काफी विवाद था। हमने एक्सपर्ट को बुलाकर जयंती मनाने का दिन तय किया। विचार-विमर्श के पश्चात चैत्र में अष्टमी के दिन सम्राट अशोक की जयंती मनाने का दिन तय हुआ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने एक दिन के अवकाश का प्रावधान पहले कर दिया था। जब आगे से इस दिवस को राजकीय समारोह के रूप में मनाया जाएगा। आप लोगों को मालूम है कि इस केंद्र का नाम हमने सम्राट अशोक के नाम पर किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पहले से कोई तस्वीर नहीं थी। लोगों से विचार-विमर्श उनकी सांकेतिक मूर्ति का निर्माण कराया गया। यहां हम हर बार आकर उनकी जयंती पर माल्यार्पण करते रहे हैं। अब आगे से इस दिवस को भी हमेशा के लिए राजकीय समारोह के रूप में शामिल कर दिया जाएगा।

बिहार विधानसभा परिषद के चुनाव की चर्चा करते हुए कहा कि कुछ जगहों पर तो हम लोगों का आश्चर्य हुआ कि उम्मीदवार कह रहे थे कि हम पक्का जीत रहे हैं लेकिन रिजल्ट दूसरा हुआ। इसका तो रूप ही अलग होता है। इसमें कौन जीतेगा इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि वे बोचहा चुनाव प्रचार में जाएंगे।

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