संघी मॉडल का जवाब है तमिलनाडु मॉडल : तेजस्वी

बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने चेन्नई में कहा कि संघ के गुजरात और यूपी मॉडल का जवाब है तमिलनाडु मॉडल, जो समावेशी भी है और प्रगतिशील भी।

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने चेन्नई में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्तालिन की आत्मकथा के विमोचन समारोह में कहा कि संघ के गुजरात और यूपी मॉडल का जवाब है तमिलनाडु मॉडल। यह समावेशी भी है और मानव विकास के सभी पैमाने पर आगे भी।

तेजस्वी यादव ने कहा कि हम तमिलनाडु को बड़ी उम्मीद के साथ देखते हैं। इसने सामाजिक न्याय, बराबरी और समानता की दृष्टि से मॉडल कार्य किया है। इस प्रदेश के स्वाभिमानी लोगों से वे रोज सीखते हैं कि किस प्रकार संविधान अधिकारों और कर्तव्यों का उपयोग किया जाए और किस प्रकार एस समावेशी औरप्रगतिशील समाज बनाने का रास्ता तैयार किया जाए।

उन्होंने कहा कि द्रविड़ आंदोलन की विकास यात्रा और सामाजिक न्याय, बराबरी तथा समता के प्रति इसका संकल्प हर नागरिक को आत्मविश्वास से भर देता है। तमिलनाडु में आरक्षण का प्रतिशत सर्वाधिक है साथ ही यह प्रदेश मानव विकास सूचकांक के सभी पैमानों पर भी शिखर पर है, जो आरक्षण पर सवाल उठानेवालों के कई दावों को ध्वस्त कर देता है।

तेजस्वी यादव का यह बयान तब आया है, जब यूपी में चुनाव हो रहा है। भाजपा के गुजरात मॉडल को लोग देख रहे हैं, जो मानव विकास सूचकांक के कई पैमानों पर फिसड्डी साबित हो चुका है, साथ ही वहां लगातार सामाजिक न्याय के दायरे में आनेवाली गरीब दलित-पिछड़ी आबादी को हाशिये पर धकेला गया है।

यूपी में भाजपा मॉडल को भी लोग देख रहे हैं, जहां दलित-पिछड़ों के आरक्षण को बड़ी चालाकी से समाप्त किया जा रहा है। कानून और संविधान के आधार पर शासन चलाने के बजाय बुलडोजर से शासन चलाया जा रहा है। व्यापक दलित-पिछड़ी और अल्पसंख्यक आबादी के जीवन को उन्नत करने के बजाय उन्हें भाजपा के शब्दों में लाभार्थी बनाकर छोड़ दिया गया है। बड़ी आबादी स्वाभिमान से अपना रोजगार करने, सरकारी नौकरियों में जाकर अपना विकास करे, इसका रास्ता पूरी तरह बंद कर दिया गया है। तेजस्वी ने एक तरह से साफ कर दिया कि भाजपा और संघ को सत्ता से बाहर करना है, तो सामाजिक न्याय और विकास का मॉडल अपनाना होगा।

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