सैनिटरी नैपकिन : सरकार देती है पैसा, IAS हरजोत कौर को पता नहीं

बिहार महिला विकास की एमडी आईएएस हरजोत कौर को सरकार की योजनाओं की जानकारी ही नहीं है। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को दिलानी पड़ी याद।

अजीब हाल है। बिहार सरकार पहले से सैनिटरी नैपकिन के लिए लड़कियों को पैसा देती है। हर वर्ष राशि देने का नियम है, लेकिन इस बात की जनकारी महिला विकास निगम की एमडी तथा वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को नहीं है, जबकि उन्हें सरकार की हर योजना की जनकारी होनी चाहिए, खासकर उनके विभाग के संबंधित योजना की जानकारी तो बिल्कुल होनी चाहिए। अब तेजस्वी यादव ने आईएएस अधिकारी को सरकार की योजना की याद दिलाई है।

उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा-कन्या उत्थान योजना के अंतर्गत बिहार सरकार पहले से 300₹ प्रतिवर्ष सैनिटरी नैपकिन के नाम पर दे रही है। उक्त कार्यक्रम में उस बहादुर बच्ची ने 20-30 रुपए प्रतिमाह की मांग रखी थी, जबकि बिहार सरकार 25 रुपए प्रतिमाह दे रही है। शायद जागरूकता के अभाव में बच्ची और अधिकारी को इसकी जानकारी नहीं रही होगी। मालूम हो कि सरकार हर वर्ष नैपकिन के लिए 300 रुपए देती है।

दो दिन पहले पटना में एक कार्यक्रम में एक स्कूली बच्ची ने सवाल उठाया था कि सरकार इतना खर्च करती है, क्या वह सैनिटरी नैपकिन नहीं दे सकती। इस पर IAS हरजोत कौर ने कहा था कि आज सैनिटरी नैपकिन मांग रही हो, कल कंडोम की मांग करोगी। लड़की ने कहा कि यह उसका हक है, तो आईएएस अधिकारी ने कहा था कि पाकिस्तान चली जाओ। कई लड़कियों ने स्कूल में शौचालय का दरवाजा टूटे होने की शिकायत की और कहा कि इस कारण वे पानी कम पीती हैं, ताकि वाशरूम नहीं जाना पड़े। लड़कियों के लिए अलग शौचालय बनाया जाए। इस पर भी आईएएस ने बेतुका जवाब दिया था। कहा था कि तुम्हारे घर में मद्र और औरत के लिए अलग शौचालय है क्या।

इस बीच हरजोत कौर ने अगर-मगर के साथ गुरुवार को खेद जताया। कहा कि उनका मकसद लड़कियों को सशक्त करना था, लेकिन किसी को बुरा लगा, तो उन्हें खेद है।

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