जदयू के पूर्व राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष शरद यादव ने राज्‍यसभा से अपनी राज्यसभा सदस्यता जाने के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्‍होंने इस मामले में आज कोर्ट में एक याचिका दायर की, जिसमें उन्‍होंने कहा कि अधिकारियों ने उन्हें अपना पक्ष रखने का कोई मौका दिए बिना ही राज्यसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराने का आदेश दे दिया.

नौकरशाही डेस्‍क

बता दें कि शरद ने दावा किया था कि उनकी अगुआई वाला जदयू ही असली पार्टी है. उन्होंने चुनाव आयोग के सामने जदयू के चुनाव चिह्न तीर पर अपना दावा किया था. लेकिन चुनाव आयोग ने शरद गुट के दावे को खारिज कर दिया. बाद में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता खत्म करने का आदेश दिया. गौरतलब है कि यादव के साथ-साथ एक और पूर्व सांसद अली अनवर को भी 4 दिसंबर को राज्यसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया गया था.

वहीं, शरद यादव की तरफ से हाई कोर्ट में याचिका डालने वाले ऐडवोकेट निजाम पाशा ने कहा कि कौन सा धड़ा असली जदयू है, इसका मामला अभी अदालत में लंबित है और इस पर अंतिम फैसला आना अभी बाकी है.

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