संस्कृतिकर्मियों के साझा मंच हिंसा के विरुद्ध संस्कृतिकर्मी ने उर्दू साहित्यकार शमोएल अहमद पर हलमा का जिम्मेदार बिहार उर्दू अकादमी के उपाध्यक्ष एजाज अली अरशद को ठहराया है और मांग की है कि उन्हें पद से हटाया जाना चाहिए.

शौमएल अहमद उर्दू अफसानानिगार हैं
गौरतलब है कि पिछले दिनों शमोएल अहमद पर बिहार उर्दू अकादमी के एक कार्यक्रम के दौरान, अकादमी परिसर में हमला किया गया था. शौमएल अहमद ने इस हमले  के लिए अकादमी के उपाध्यक्ष व मजहरुल हक युनिवर्सिटी के पूर्व वीसी एजाज अली अरशद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.
शमोएल का कहना है कि उन पर हमला इसलिए किया गया क्योंकि उन्होंने एक कहानी ‘लुंगी’ लिखी थी. उसमें साहित्य के प्रोफसर और रिसर्च करने वाली छात्रऔं के बार में लिखा गया है. इस कहानी में पीएचडी रिसर्च करने वाली छात्राओं के यौनशोषण को विषय बनाया गया है.
‘हिंसा के विरुद्ध संस्कृतिकर्मी’  उर्दू के प्रसिद्द कथाकार शमोएल अहमद की कहानी ‘लुंगी को लेकर उर्दू अकादमी के उपाध्यक्ष  द्वारा किया गया हमला भी असहमति की आवाज को दबाने की देशव्यापी प्रवृत्ति का हिस्सा है। ये  आश्चर्य की बात है कि उर्दू अकादमी के  सर्वोच्च पद पर इस किस्म के  लोग नियुक्त किये जाते हैं जिनमें साहित्य के न्यूनतम संस्कार भी नहीं हैं।  साझा मंच इस हमले कड़े शब्दों में निंदा करते हुए बिहार सरकार से मांग करता है कि वो  इस व्यक्ति को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करे।
अनीश अंकुर, जयप्रकाश, विनीत राय, गौतम गुलाल, मनोज कुमार, मृत्युंजय शर्मा, राजन कुमार सिंह, रमेश सिंह, सिकंदर–ए-आज़म
हिंसा के  विरुद्ध संस्कृतिकर्मी ( रंगकर्मियों-कलाकारों का साझा मंच)

By Editor