शिक्षक नियुक्ति मामले में नए आदेश पर राजद ने क्या कहा

एक तरफ शिक्षक बनने के योग्य हजारों युवा आंदोलन कर रहे हैं, वहीं अब सरकार अवकाशप्राप्त शिक्षकों को नियुक्त करेगी। पूरे प्रकरण पर जानिए राजद ने क्या कहा।

कुमार अनिल

राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि विभिन्न स्तर के विद्यालयों में शिक्षकों के लाखों पद रिक्त हैं, पर नियुक्ति प्रक्रिया को जानबूझकर वर्षों से लटका कर रखा गया है। इससे छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है। सरकार का एक तुगलकी फरमान जारी हुआ है, जिसके तहत अवकाशप्राप्त शिक्षकों को अनुबंध पर रखने का निर्देश दिया गया है। इसे भी एक भद्दा मजाक ही कहा जाएगा। अभी कुछ ही दिन पूर्व सरकार द्वारा 50 वर्ष की आयु से अधिक के कर्मियों को उनके कार्य क्षमता को आधार बनाकर सेवामुक्त करने का आदेश जारी किया गया है।

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राजद प्रवक्ता ने कहा कि 2018 में प्राथमिक विधालयों में शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई। पहले उन्हें न्यायालय के चक्कर में उलझा दिया गया। दिसम्बर, 2020 के दूसरे सप्ताह में ही उच्च न्यायालय द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति शीघ्र करने का निर्देश दिया गया। पर दो महिना हो गए, अभी तक काउंसिलिंग की तिथि घोषित नहीं की गई।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने जब पहल की, तो घोषणा की गई कि दो-तीन दिन में काउंसिलिंग की तिथि की घोषणा कर दी जाएगी।पर दो सप्ताह से ज्यादा हो गये पर अबतक सरकार द्वारा काउंसिलिंग की तिथि की घोषणा नहीं की गई है।

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इसी प्रकार एसटीइटी उतीर्ण हजारों छात्र माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्ति की प्रतीक्षा में बैठे हैं। उन्हें उम्र-सीमा समाप्त होने की चिंता सता रही है। एक तो एसटीइटी और टीईटी की परीक्षाएं नियमित रूप से नहीं होती, परीक्षा होने के बाद भी जानबूझकर परिणाम निकालने में देरी की जाती है और परिणाम निकल गया तो नियुक्ति नहीं हो रही है।

राजद प्रवक्ता ने नए शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी से बिहार में शिक्षकों की नियमित नियुक्ति करने के साथ ही बिहार में दम तोड़ती शिक्षा व्यवस्था को पुनर्जीवित करने की मांग की है।

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