शुरू हुआ लक्षद्वीप बचाओ अभियान, भाजपा भी दो-फाड़

पूरा लक्षद्वीप भाजपा के खिलाफ खड़ा हो गया है। शुरू हुआ लक्षद्वीप बचाओ अभियान। भाजपा नेता और गुजरात के मंत्री रह चुके एडमिनिस्ट्रेटर को हटानी की मांग।

कुमार अनिल

पूरा लक्षद्वीप आंदोलित है। देश के सारे गैरभाजपा दलों ने यहां के एडमिनिस्ट्रेटर (प्रसासक) को अविलंब हटाने की मांग की है। खुद भाजपा की प्रदेश इकाई का एक हिस्सा विपक्ष के साथ खड़ा है। क्या है मामला?

लक्षद्वीप के लोग बेहद शांतिप्रिय हैं। पर्यावरण बहुत शुद्ध है। जैव-विविधता है। बहुसंख्यक आबादी मुस्लिम है। अपराध बहुत कम है। फर्टिलिटी रेट देश के औसत से कम है। सिर्फ 1.9, जबिक राष्ट्रीय औसत 2.2 है। बिहार में 3.3 है। आबादी की जीविका मुख्यतः मछलीपालन है। यहां विधानसभा नहीं है। लोकसभा की एक सीट है।

यहां के प्रशासक का नाम है प्रफुल्ल खोड़ा पटेल। ये गुजरात भाजपा के नेता रहे हैं। जब नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे, तब उनके कैबिनेट के सदस्य थे। पटेल पहले दादर नगर हवेली के प्राशासक थे। उन्हें लक्षद्वीप का भी अतिरिक्त चार्ज दिया गया। इससे दिल्ली दरबार में उनकी पहुंच का अंदाजा लगाया जा सकता है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार सहित लगभग सारे गैरभाजपा दलों ने प्रशासक को हटाने की मांग की है। इन्होंने कुछ ऐसे निर्णय लिये, जिससे पूरा लक्षद्वीप आंदोलित हो गया है।

प्रफुल्ल पटेल ने पंचायतों का अधिकार कम कर दिया। शिक्षा, मछलीपालन सहित कई अधिकार छीन लिये। नया नियम बना दिया कि जिसके दो से ज्यादा बच्चे होंगे, उसे पंचायत चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं होगा। प्रशासक ने यह जानते हुए कि यहां बीफ भोजन का हिस्सा है, इसपर प्रतिबंध लगा दिया। शराब बेचने के लाइसेंस दिए गए। और अब प्रशासक चाहते हैं कि लक्षद्वीप को स्मार्ट बनाने के लिए यहां की जमीन बड़े पूंजीपतियों को दी जाए। इन सारे निर्णयों का लक्षद्वीप में जबरदस्त विरोध हो रहा है। पर्यावरणविद् भी विकास के नाम पर जमीन बड़े पूंजीपतियों को बचने का विरोध कर रहे हैं।

लक्षद्वीप को लेकर खुद भाजपा दो-फाड़ हो गई है। प्रदेश भाजपा के आठ प्रमुख नेताओं ने पटेल से नाराज होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

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