SSB कमांडेंट ( Priyavrat Sharma) द्वारा धार्मिक घृणा फैलाने की गृह विभाग करेगा जांच, आजमी बारी ( Azmi Bari) ने कहा, हो देशद्रोह का मुकदमा

Azmi Bari की पहल पर कमांडेंट की करतूतों की जांच में जुटा गृह विभाग

चम्पारण के SSB 47 बटालियन के कमांडेंट प्रियव्रत शर्मा के मुस्लिम कोरोना की फर्जी चिट्ठी पर उठे बवाल के बीच मुख्यमंत्री सचिवालय ने गृहविभाग को जांच करने को कहा है.

गौरतलब है कि पूर्वी चम्पारण के रमगढ़वा स्थित पनटोका SSB 47वीं बटालियन के कमांडेंट प्रियव्रत शर्मा ने एक गोपनीय पत्र, बेतिया डिएम को लिखा था. इस पत्र में कहा गया था कि नेपाल के परसा से जालिम मुखिया नामक व्यक्ति 50 कोरोना संदिग्ध मुसलमानों को भारत में भेज कर कोरोना संक्रमण फैलाने की योजना बना रहा है. नौकरशाही डॉट कॉम ने इस चिट्ठी को अपनी खोजी रपट में फर्जी होने का दावा किया है.

इस बीच एसएसबी कमांडेंट के खिलाफ वरिष्ट सामाजिक कार्यकर्ता आजमी बारी ने कानूनी कार्रवाई शुरू की है. उन्होंने चार पेज का एक लीगल नोटिस 13 अप्रैल को एसएसबी कमांडेंट को भेजा है. साथ ही आजमी बारी ने इस मामले को मुख्यमंत्री सचिवालय के संज्ञान में लाया. नौकरशाही डॉट कॉम को पता चला है कि इस लीगल नोटिस के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय ने इस मामले की जांच के लिए गृह सचिव आमिर सुबहानी को भेज दिया है.

कमांडेंट ने इस चिट्ठी में खैरावा व चंदनबारा मदरसे को नेपाल का मदरसा बताते हुए लिखा था कि वहां 5-6 पाकिस्तानी नागरिको समेत 200 लोग छुपे हुए हैं. नौकरशाही डॉट कॉम ने इन दोनों स्थानों के बारे में बताया था कि वे भारत के पूर्वी चम्पारण में स्थित हैं. वेबसाइट ने कमांडेंट के दावे पर जब सवाल पूछा तो कमांडेंट की हेकड़ गुम हो गयी और उन्होंने इसका कोई जवाब दिये बिना फोन काट दिया. इसके बाद जब उनसे यही सवाल एसएमएस से पूछा गया तो भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. इससे साफ स्पष्ट है कि एसएबी कमांडेंट ने मजहबी नफरत भड़काने के लिए झूठ बोला.

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आप को याद रहे कि कमांडेंट की इस फर्जी व कथित गोपनीय चिट्ठी को बिना परखे बेतिया के डीएम कुंदन कुमार ने अपने मातहत अफसरों को भेज दी. बहुत संभावना है कि इस मामले में कुंदन कुमार की भूमिका भी जांच के दायरे में आयेगी. और यह भी पता लगाया जा सकता है कि जब चिट्ठी कथित रूप गोपनीय थी तो मीडिया को क्यों दी गयी ?

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इस मामले में आजमी बारी ने नौकरशाही डॉट कॉम को बताया कि कमांडेंट और बेतिया के डीएम ने अपने सरकारी पद का क्रूर इस्तेमाल किया है और उन्होंने झूठ और मनगढ़त रिपोर्ट को, जिसे वे गोपनीय कह रहे हैं, उसे मीडिया को सौंप दिया जिससे राज्य में साम्प्रदायिक घृणा फैली. आजमी बारी ने कहा कि इन दोनों अफसरों के खिलाफ सख्त कार्वाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इन दोनों अधिकारियों ने देश में अमन व शांति को भंग करने का षड्यंत्र रचा है इसलिए उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा होना चाहिए.

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आपको बता दें कि कोरोना को एक धर्म से जोड़ने की इस साजिश का समाज पर व्यापक नकारात्मक असर पड़ा है. पूर्वी चम्पारण के खेत खलिहानों में भी अब मुस्लिम व हिंदू समुदाय के बीच संदेह बढ़ा है और लोग एक दूसरे को शक की नजर से देखने लगे हैं.

By Editor