सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को हड़काया, वैक्सीन बना मुद्दा

वैक्सीन पर मोदी सरकार की दोहरी नीति के खिलाफ बिहार सहित कई राज्य चुप हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के हित में सवाल पूछा। पूछा एक कीमत क्यों नहीं?

आज सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार से कई कड़े सवाल पूछे। कोर्ट ने केंद्र की टीकाकरण नीति पर गंभीर सवाल उठाए। कोर्ट ने पूछा कि टीके की अलग-अलग कीमतें क्यों हैं? क्यों राज्य सरकारों को अधिक कीमत पर वैक्सीन खरीदनी पड़ रही है। कोर्ट ने यह भी पूछा कि 45 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए केंद्र टीका खरीद रहा है, इसका अर्थ है कि 18 प्लस वालों के लिए राज्य को खरीदना होगा?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर केंद्र जिस कीमत पर वैक्सीन खरीद रहा है, वह उचित दर है, तो राज्यों को महंगी दर पर खरीदने को लिए क्यों बाध्य किया जा रहा है?

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सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस नागेश्वर राव और जस्टिस रवींद्र भट की बेंच वैक्सीन पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने पूछा कि क्या 18 प्लस के सभी लोग खरीदकर वैक्सीन लेने में समर्थ हैं। राज्य सरकारों को दूसरे देशों से वैक्सीन खरीदने के लिए छोड़ दिया गया है। यह काम केंद्र क्यों नहीं कर सकता? कई देशों ने राज्यों को टीका देने से मना कर दिया है। वे केंद्र सरकार के साथ डील करना चाहते हैं। कोर्ट ने केंद्र की दोहरी नीति का औचित्य पूछा है। खबर सोशल मीडिया में आते ही जस्टिस चंद्रचूड़ ट्रेंड करने लगे।

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मालूम हो कि पहले पोलियो या अन्य टीके केंद्र सरकार खरीदती थी और राज्यों को देती थी। सवाल यह भी है कि अमेरिका में वैक्सीन फ्री है। अन्य कई देशों में फ्री है, फिर भारत में इसकी कीमत नागरिकों से क्यों वसूली जा रही है, जबकि लॉकडाउन के कारण पहले ही लोगों के राजगार छिन गए हैं, वेतन आधा हो गया है, आमदनी घट गई है।

By Editor