सजायाफ्ता व्यक्ति द्वारा  सियासी पार्टी के गठन और उसके अधिकारी बनने पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस भेज कर रुख स्पष्ट करने को कहा है. यह याचिका लालू प्रसाद की मुश्कलें बढ़ा सकती है.

गौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला मामले में पहले से ही सजायाफ्ता हैं और उन पर चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा हुआ है. हालांकि अभी तक के प्रावधानों के तहत सजायाफ्ता व्यक्ति को किसी सियासी पार्टी के अधिकारी बनने और चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने पर मनाही नहीं है.

याद रहे कि सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गयी है जिसमें कहा सजायाफ्ता व्यक्ति को चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित करने के साथ साथ किसी भी सियासी पार्टी की गतिविधियों में शामिल होने से रोकने की अपील की गयी है.

 

 

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