आयूष मंत्रालय के तत्वावधान में पटना के ज्ञान भवन में आयोजित आयुर्वेद पर्व में विद्वानों ने विभिन्न प्रकार की व्याधियों पर व्याख्यान दिये. इस अवसर पर राजकीय आयुर्वेद कॉलेज एवं अस्पताल पटना, राजकीय तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल पटना, क्षेत्रीय आयुर्वेदीय संक्रामक रोग अनुसंधान संस्थान पटना, क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान सहित कई निजी आयुर्वेद महाविद्यालयों के काउंटर खोले गये थे।

 

 

 

इसके इलावा देश-विदेश की कई नामी आयुर्वेदिक और यूनानी दवा कंपनियों के स्टॉल यहां लगे थे। साथ ही संस्थानों द्वारा मरीज़ देखने व मुफ़्त दवा वितरण की व्यवस्था भी की गई थी। जहां स्टॉलों पर मरीज़ो की भारी भीड़ देखी गई, वहीं कई वीआईपी अतिथीयों ने स्टॉलों का भ्रमण भी किया।। जहां तक मरीज़ों के इलाज का मामला है; राजकीय तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल पटना ने इसमें बाज़ी मार ली। राजकीय तिब्बी कॉलेज के छात्र छात्राओं और शिक्षकों के जुनून और लगन को देख कर यही लग रहा था के वो इस आयुर्वेद पर्व को युनानीमय बना देंगे।

 

राजकीय तिब्बी कॉलेज के प्राचार्य प्रोफ़ेसर हकीम मुहम्मद ज़ियाउद्दीन की निगरानी मे आयुर्वेद पर्व में जहां पांच स्टाल लगाए थे; वहीं हज़ारो की संख्या मरीज़ों का ईलाज किया। पुरे कार्यक्रम के बारे में बाताते हुए राजकीय तिब्बी कॉलेज के सहायक प्रोफ़ेसर हकीम मुहम्मद तनवीर आलम ने कहा : आयुर्वेद पर्व एक बेहतरीन पहल है, जिससे हम आम लोगों के बीच यूनानी पद्धाती को आसानी से ले जा सके। यहां हमलोगों ने जहां कपिंग थियेरेपिंग (हेजामा) के द्वारा सैंकड़ो मरीज़ों का ईलाज किया। वहीं ओपीडी काऊंटर पर तीन दिन में हज़ारो मरीज़ों का निशुल्क ईलाज किया।

 

इसके साथ ही मुफ़्त दवा वितरण भी किया। जहां आम लोगों मे बहुत उत्साह था; वहीं इस मौक़े पर आरफ़ा हुसैन, शगुफ़ता परवीन, रेशमा परवीन, शहनवाज़ ख़ान, वसीम अकरम, रईस अंसारी, तौसीफ़ अनवर, हीना रहमानी, शाहीन परवीन, अब्दुस सलाम, मशकूर अहमद, अतिया फ़रहीन, अक़ील अज़हर, आक़िब असलम, मुज़फ़्फ़र सुलैमान, दिलकश जहां, शमशाद आलम, नेहाल अशरफ़, शाहिद ईमाम, मुहम्मद मुशाहिद, नदीम अख़्तर, नफ़ीस अंसारी, फ़रदुल हसन, ख़तिबा मरियम, शगुफ़्ता मुमताज़, गुलफ़शां अर्शी, रिज़वाना परवीन, समन फ़ातिमा, असदुल बारी, नेयाब आलम, मुहम्मद साहिल सहित बड़ी संखया में कॉलेज के जूनियर डॉक्टर एवं छात्र मौजूद थे।

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