उच्चतम न्यायालय ने असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम रिपोर्ट हर हाल में इस वर्ष 31 जुलाई 2019 तक पूरी करने का निर्देश दिया है, शीर्ष अदातल ने इसके लिए एनआरसी समन्वयक, असम सरकार और चुनाव आयोग को मिल-बैठकर योजना बनाने का गुरुवार को निर्देश दिया। 

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस बात पर भी जोर दिया कि अगले आम चुनाव की वजह से एनआरसी का काम प्रभावित नहीं होना चाहिए। न्यायालय ने कहा, “इसके लिए असम के मुख्य सचिव, चुनाव आयोग के सचिव और एनआरसी समन्वयक यह तय करें कि अधिकारियों का दोनों काम में कैसे इस्तमाल किया जाये।” पीठ ने असम के मुख्य सचिव, चुनाव आयोग के सचिव और राज्य में एनआरसी को-ऑर्डिनेटर से कहा कि वे एक बैठक कर इन दो कार्यक्रमों के लिए अधिकारियों को तैनात करने के बारे में फैसला करें। पीठ ने कहा कि असम की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता एक सप्ताह के भीतर इस बैठक का आयोजन सुनिश्चित करेंगे।

पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए पांच फरवरी की तारीख तय करते हुए कहा कि बैठक के नतीजों की रिपोर्ट उक्त तारीख तक उसे सौंपे। इस बीच एनआरसी समन्वयक ने अदालत को अवगत कराया कि 31 दिसंबर 2018 तक एनआरसी सूची में 36.2 लाख लोगों को शामिल किये जाने को लेकर आवेदन मिल चुका है। गत वर्ष 30 जुलाई तक प्रकाशित एनआरसी रिपोर्ट के मुताबिक तीन करोड़ 29 लाख लोगों के नाम में से दो करोड़ 90 लाख नाम को सूची में जगह दी गई थी। इस प्रक्रिया में 40 लाख 70 हजार 707 नाम सूची से बाहर रह गये थे।

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