केंद्र सरकार ने देश में रोजगार बढ़ाने तथा और अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने के लिए एफडीआई नीति में ढील देते हुये आज खाद्य उत्पाद, प्रसारण तथा हवाई सेवा में शत-प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दे दी है। इसके अलावा फार्मा, सुरक्षा एजेंसी, रक्षा तथा एकल ब्रांड खुदरा कारोबार में एफडीआई के नियमों में भी बड़े बदलाव किये गये हैं। South-Block-Space

 

प्रधानमंत्री की अध्‍यक्षता में हुई बैठक में हुआ निर्णय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्‍ली में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में इस संबंध में फैसला किया गया। मोदी सरकार ने सात महीने में दूसरी बार एफडीआई नियमों में ढील दी है तथा इसकी उच्चतम सीमा बढ़ाई है। इससे पहले पिछले साल नवंबर में भी एफडीआई नीति में बड़े बदलाव किये गये थे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में इसकी जानकारी देते हुये कहा कि दूसरे दौर के बदलाव से “भारत एफडीआई के लिए दुनिया की सबसे मुक्त अर्थव्यवस्था बन गया है।”

 

प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, रक्षा क्षेत्र में अब तक स्वत: मार्ग से 49 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति थी, जबकि इससे अधिक निवेश सरकार की मंजूरी के साथ उसी परिस्थिति में किया जा सकता था जब इससे देश को अत्याधुनिक तकनीक तक पहुँच मिले। अब अत्याधुनिक तकनीक तक पहुँच की शर्त हटा दी गई है। इसके अलावा रक्षा क्षेत्र के तहत छोटे हथियारों तथा गोला-बारूद को भी एफडीआई के लिए खोल दिया गया है। प्रसारण क्षेत्र में टेलीपोर्ट्स, डायरेक्ट टू होम, केबल नेटवर्क सेवा, मोबाइल टीवी, हेडेंड-इन-द स्काई ब्राडकास्टिंग सर्विस (एचआईटीएस) में बिना स्वत: मार्ग से शत-प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दे दी गई है।

By Editor