जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री तथा पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रमुख मुफ्ती मोहम्मद सईद का आज सुबह नई दिल्‍ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे। श्री सईद को सीने में संक्रमण के बाद 24 दिसम्बर को एम्स में भर्ती कराया गया था। उन्हें आईसीयू में रखा गया था और वह कल से जीवन रक्षक प्रणाली पर थे। श्री सईद के परिवार में एक बेटा और तीन बेटियां हैं, जिनमें से बड़ी बेटी महबूबा मुफ्ती जम्मू- कश्मीर की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।mufti

 

राष्‍ट्रीय शोक की घोषणा
बारह जनवरी 1936 को दक्षिणी कश्मीर में अनंतनाग जिले के बिजबेहरा में जन्मे श्री सईद जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला और मीर कासिम के बाद राज्य के तीसरे सबसे कद्दावर नेता थे, जो केन्द्र में गृहमंत्री भी रहे। उनके निधन पर सरकार ने आज राष्ट्रीय शोक घोषित किया है और आज उनके सम्मान में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा । जम्मू कश्मीर में सात दिन के शोक की घोषणा की गई है।
श्री सईद एक बार पहले भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके थे। वह दो नवंबर 2002 से 2005 तक राज्य के मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहे। राज्य में सत्तारुढ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन वाली सरकार के नेतृत्व में उन्होंने दोबारा एक मार्च 2015 को मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला था। वह 1987 तक कांग्रेस के सदस्य रहे । वह 1987 में कांग्रेस छोड़ने के बाद विश्वनाथ प्रताप सिंह की पार्टी जनमोर्चा में शामिल हो गये थे। श्री सिंह की सरकार में दिसंबर 1989 से नवंबर 1990 तक गृहमंत्री भी रहे थे। देश के गृह मंत्री पद को सुशोभित करने वाले वे पहले मुस्लिम नेता थे। बाद में नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान वह दोबारा कांग्रेस में शामिल हो गये। वह जम्मू -कश्मीर के एक सर्वमान्य नेता थे। चालीस साल के राजनीतिक कैरियर के दौरान उन्होंने इसका बखूबी परिचय भी दिया। वह किसी भी मामले पर सर्वसम्मति बनाने मे यकीन रखते थे।

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