पीएम मोदी द्वारा नीतीश कुमार के ‘डीएनए में खराबी’ वाली टिप्पणी पर नीतीश ने पत्र लिख कर करारा जवाब दिया है. आखिर दस दिनों बाद नीतीश ने चिट्ठी क्यों लिखी?nitish

गौरतलब है कि मोदी ने 25 जुलाई को मुजप्फरपुर की रैली मैं कहा था कि नीतीश ने महादलित मुख्यमंत्री को पद से हटा दिया तो मुझे लगा कि यह तो उनके डीएनए में ही खराबी है.

माना जा रहा है कि दस दिनों के बाद नीतीश ने इसका जवाब अपने सलाहकारों की राय के बाद दिया है. मोदी अगले कुछ दिनों में फिर बिहार आने वाले हैं.

नीतीश ने अपने ऊपर की गयी टिप्पणी का दस दिनों बाद जवाब दे कर यह कोशिश की है कि उस टिप्पणी को बिहारी स्मिता से जोड़ कर राजनीतिक लाभ लिया जाये.

मैं और बिहार के लोग आहत

नीतीश ने लिखा है कि आपने मेरे डीएनए के बारे में जो टिप्पणी की है उससे मुझे और बिहार के समाज के एक बड़े तबके को ठेस पहुंची है.आपकी इस टिप्पणी से बिहार और बिहार के बाहर के लोग भी अपमानित हुए हैं.

नीतीश ने लिखा है”आप फिर से इस राज्य का दौरा करने वाले हैं, इसलिए मैं उन सब लोगों की तरफ़ से आपको पत्र लिख रहा हूं जो आपके बयान से आहत हुए हैं.”

उन्होंने आगे लिखा, ”आपके शब्दों से एक बहुत बड़ी संख्या में लोग आहत हुए हैं. आप जिस पद पर हैं, ऐसे में यह और भी अशोभनीय है. आम राय है कि आपी वह टिप्पणी आपकी गरिमा के अनुकूल नहीं है.”

फेसबुक पर डाली चिट्ठी

नीतीश ने यह चिट्ठी फेसबुक पर अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में डाली है. उन्होंने लिखा, ”हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. इससे पहले भी आपके साथी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी कहा था कि बिहार के डीएनए में जातिवाद है.”

वो लिखते हैं, ”जिन लोगों पर टिप्पणी की गई हैं, यह वही लोग हैं जिन्होंने आपको चुनाव में इतने बड़े मत से जीत दिलाई. ऐसे में जब इस तरह के बयान दिए जाते हैं तो इन लोगों का विश्वास आपके ऊपर डगमगाता है.”

बिहार का बेटा हूं

नीतीश कुमार ने पत्र में लिखा कि वो बिहार के बेटे हैं और महात्मा गांधी, राम मनोहर लोहिया और जयप्रकाश नारायण के बताए मार्गों पर चलते हैं.

उन्होंने लिखा, ”मैं बिहार का बेटा हूं और मेरा डीएनए वही है जो बिहार के बाक़ी लोगों का है.इस लिहाज से मेरा और बिहार के और लोगों का डीएनए एक जैसा है. मैंने अपने 40 साल के सार्वजनिक जीवन में लोगों की भलाई के लिए काम किया है.” मेरे पिता फ्रीडम फाइटर थे और मां साधारण गृहिणी. मैरा आग्रह है कि आप अपने शब्दों को वापस लें.

By Editor