मुख्‍यमंत्री का आवास प्रकरण पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने इस मुद्दे पर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर मामला और गरमा दिया है। अब नया विवाद शुरू हो गया है कि जिन विधायकों या विधान पार्षदों का पटना में अपना‍ निजी आवास है, उन्‍हें सरकारी आवास लेना चाहिए या नहीं।RCP-singh

वीरेंद्र यादव 

 

सीएम नीतीश ने सुशील मोदी के पटना में निजी आवास रहते हुए सरकारी आवास लेने पर सवाल उठा दिया है। इस मामले में सीएम ने सुशील मोदी से निजी आवास को किराये पर देने का आग्रह भी किया। हालांकि श्री मोदी बिना किराये के देने को तैयार हैं। खैर।

 

यदि पटनावासी विधान पार्षद व विधायकों को सरकारी आवास नहीं लेने का कोई कानून बनता है तो सबसे पहले राज्य सभा सांसद और सीएम के विश्‍वस्‍त आरसीपी सिंह सड़क पर आ जाएंगे। क्‍योंकि अभी वह जिस सात नंबर मकान में रहते हैं, वह विधान पार्षद संजय गांधी के नाम से आवंटित है। संजय गांधी का आंनदपुरी में बड़ा सा मकान है। वे खुद भी अपने निजी आवास में रहते हैं और अपना सरकारी आवास सांसद आरसीपी सिंह को सौंप दिए हैं। पटना में बहुत सारे विधायक और विधान पार्षदों के अपने मकान व हवेली हैं। इसमें सत्‍ता और विपक्ष दोनों खेमों के लोग शामिल हैं। इसके बावजूद वे सरकारी आवास में रहना पसंद करते हैं। वजह सरकारी आवास प्रतिष्‍ठा का विषय बन गया है।

दर्जनों बंगलों पर है अवैध कब्‍जा

राजधानी पटना के सबसे वीआईपी इलाका में दर्जनों बंगले पर बड़े लोगों का अवैध कब्‍जा है। पदमुक्‍त होने के बाद भी लोग कब्‍जा छोड़ने को तैयार नहीं हैं। उनको अब तक नोटिस भी नहीं भेजा गया है। विधायकों को आवास नहीं मिल रहा है। लेकिन अवैध कब्‍जाधारियों से खाली करवाने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है।

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