बिहार विधानसभा में आज वित्त वर्ष 2019-20 का करीब 21517 करोड़ रुपये के राजस्व बचत वाला दो लाख 501 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट पेश किया गया, जिसमें सर्वाधिक राशि शिक्षा पर खर्च किये जाने का प्रस्ताव है।

विधानसभा में वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने भोजनावकाश के बाद वित्त वर्ष 2019-20 का 200501.01 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जो वित्त वर्ष 2018-19 के बजट अनुमान 176990.27 करोड़ रुपये से 23510.74 करोड़ रुपये अधिक है। इसमें योजना व्यय का बजट अनुमान 101391 करोड़ रुपये और स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय का अनुमान 99119.01 करोड़ रुपये है। बजट में शिक्षा विभाग पर सर्वाधिक 34798.69 करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान किया गया है। इसमें योजना उद्वयय 20309.03 करोड़ रुपया है।

शिक्षा के बाद सर्वाधिक राशि ग्रामीण विकास, पंचायती राज, ग्रामीण कार्य और स्वास्थ्य विभाग पर खर्च किये जाने का प्रस्ताव है। बजट में ग्रामीण विकास के लिए 15669.04 करोड़ रुपये, पंचायती राज विभाग के लिए 12206.31 करोड़, ग्रामीण कार्य के लिए 10917.97 करोड़ और स्वास्थ्य विभाग के लिए 9622.76 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

द में श्री मोदी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वर्ष 2019-20 के बजट में राजस्व व्यय 155230.65 करोड़ रुपये अनुमानित है, जो पिछले वर्ष के बजट अनुमान 136739.67 करोड़ रुपये से 18490.98 करोड़ रुपये अधिक है । वहीं, पूंजिगत व्यय 45270.36 करोड़ रुपये अनुमानित है जो पिछले वर्ष के बजट अनुमान 40250.60 करोड़ से 5019.76 करोड़ रुपये से 2767.73 करोड़ रुपये अधिक है। बजट में 146133.73 करोड़ रुपये(कुल व्यय का 72.88) विकासात्मक और 54367.30 करोड़ रुपये (कुल व्यय का 27.12) गैरविकासात्मक कार्यों पर व्यय किये जाने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि बिहार का विकासात्मक व्यय वर्ष 2016 से वर्ष 2017-18 के बीच लगातार 70 प्रतिशत के आसपास रहा है और गैर विकासात्मक व्यय कुल व्यय का 25-26 प्रतिशत की सीमा में रहा है।

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