उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र सरकार से पूछा कि आखिर उसने पिछले कुछ वर्षों से नेताओं की परिसम्पत्तियों में बेतरतीब बढ़ोतरी पर लगाम लगाने के लिए कोई स्थायी तंत्र क्यों नहीं बनाया।


मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) लोक प्रहरी की याचिका की सुनवाई के दौरान कानून मंत्रालय के जरिये केंद्र से दो सप्ताह के भीतर यह जवाब मांगा है कि नेताओं की सम्पत्तियों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है, उसकी रोकथाम के लिए क्या उपाय किये गये हैं।
न्यायालय ने केंद्र से पूछा कि पिछले पांच वर्षों में कुछ नेताओं की आय और परिसम्पत्तियों में बढोतरी पर अंकुश के लिए उसके आदेश पर अमल क्यों नहीं किया गया।  याचिकाकर्ता का दावा है कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व के आदेश का अनुपालन नहीं किया है। इसके लिए न्यायालय को अवमानना का मामला शुरू करना चाहिए।

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