प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को अपनी मंत्रिपरिषद का बहुप्रतीक्षित विस्तार एवं फेरबदल करेंगे, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के कुछ नये चेहरों के साथ-साथ जनता दल यू जैसे नये सहयोगी दलों को भी जगह मिलने की संभावना है। कुछ विभागों के खाली रहने और कुछ मंत्रियों के पास एक से ज्यादा विभाग होने के कारण फेरबदल लंबे समय से प्रतीक्षित है। मंत्रिपरिषद् में फेरबदल की अटकलें पिछले वर्ष के अंत से लगायी जाती रही हैं। मोदी मंत्रिपरिषद में यह तीसरा और 2019 के आम चुनाव से पहले संभवत आखिरी फेरबदल होगा।

फेरबदल से पहले कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूडी, मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री महेन्द्रनाथ पांडेय तथा स्वास्थ्य राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कल अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके अलावा ऐसी रिपोर्ट है कि संजीव बालियान, गिरिराज सिंह, कलराज मिश्र, उमा भारती, चौधरी बीरेन्द्र सिंह और निर्मला सीतारमण ने त्यागपत्र देने की पेशकश की है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने भी संकेत दिया था कि वह लंबे समय तक रक्षा मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी नहीं संभालेंगे। ऐसी अटकलें हैं कि श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय भी इस्तीफा दे सकते हैं ।

 

पेट्रोलियम राज्यमंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, ऊर्जा राज्य मंत्री पीयूष गोयल और संचार एवं रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा की पदोन्नति हो सकती है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में हाल ही में शामिल हुए जनता दल (यू) के दो सांसदों को मंत्री बनाया जा सकता है। शिवसेना को भी एक और स्थान मिलने की संभावना है। अन्नाद्रमुक में छाये आंतरिक संकट का हल निकल सका तो उसे भी मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है।

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