एनडीए के घटक दलों में नया विवाद शुरू हो गया है। जब से उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोला है, तब से सुशील मोदी ने नीतीश के पक्ष में मोर्चा संभाल लिया है। पहली बार उपेंद्र ने जब नीतीश के कुर्सी से मन ‘भरुआने’ की बात कही थी और एनडीए को नया नेता चुनने की सलाह दी थी, तब भी सुशील मोदी ने कुशवाहा के बयान से असहमति जतायी थी। अब तक उपेंद्र खुलेआम नीतीश पर प्रहार कर रहे हैं।

 वीरेंद्र यादव 

लेकिन आज पहली बार कुशवाहा ने मोदी को निशाना बनाया है। ‘नीच’ के विवादित बयान के बाद सुशील मोदी ने अपने ट्विट में कहा था कि मुख्यमंत्री ने कुशवाहा के लिए नीच शब्द का इस्तेमाल नहीं किया‍ था। मोदी के ट्विट से कुशवाहा लछुआ गये थे कि शनिवार को सुशील ने आग में घी डाल दिया। शनिवार को उपेंद्र ने भाजपा को 30 नवंबर तक सीटों के बंटवारे की घोषणा का अल्टीमेटम थमा दिया था। इससे बौखलाए सुशील मोदी ने कहा कि राजग का शीर्ष नेतृत्व किसी के दबाव में नहीं, बल्कि राज्य की जमीनी हकीकत के आधार पर सीटों का सम्मानजनक बंटवारा करेगा। इस बात को आगे बढ़ाते पर मोदी ने कुशवाहा के बारे में कहा कि कुछ लोगों को अपने बारे में इतनी गलतफहमी हो गई है कि वे लगातार गठबंधन धर्म के विपरीत आचरण कर महागठबंधन के चार्जशीटेड नेताओं तक से मेल-मिलाप में लगे हैं।

अब तक भुकभुका रहे कुशवाहा मोदी के बयान पर भभक गये। आज अपने दो ट्विट में उन्होंने सुशील मोदी को ‘मच्छर’ तक कह डाला। कुशवाहा ने कहा कि कुछ लोग राजनीति में पिछलग्गू होते हैं। छपास रोग से पीडि़त, मिजाज से असवरवादी व घोर सत्तापरस्त। ऐसे लोग मच्छर की भांति खून पीकर अपनी ही पार्टी के मलेरिया-डेंगू फैलाते हैं और अपना वजूद जिंदा रखते हैं। साथ ही मोदी को सृजन घोटाले पर भी बोलने की सलाह दे डाली।
उपेंद्र कुशवाहा के आज के ट्विट के बाद स्पष्ट हो गया है कि एनडीए छोड़ने के डेट का इंतजार कर रहे हैं। वैसे भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने कहा है कि कुशवाहा के अल्टीमेटम की जानकारी उन्हें नहीं है।

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