महाराष्ट्र में बीजेपी और उसके सहयोगी शिवसेना के बीच तकरार बढ़ने की खबर है. सूत्रों की माने तो पिछले दिनों शिवसेना द्वारा बीजेपी पर हमलावर रुख ने इस स्थिति को पैदा किया. वहीं, अब महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़णवीस ने मध्यावधि चुनाव के संकेत दिए हैं.

स्पेशल रिपोर्ट, नौकरशाही टीम

1 जून से महाराष्ट्र में जारी किसानों के आंदोलन पर सरकार के खिलाफ शिवसेना के रुख से सीएम ने ये संकेत दिए है. हालांकि पहले सीएम फडणवीस मध्यावधि चुनाव के पक्ष में नहीं थे. मगर खबर है कि सहयोगी दल शिवसेना से किसान आंदोलन को लेकर खटास पैदा हो गयी है, जिसके बाद सीएम ने ये संकेत दिए हैं.

क्यों पड़ी बीजेपी और शिवसेना के बीच दरार

पिछले दिनों शिवसेना ने केंद्र की मोदी सरकार की जमकर आलोचना की थी. अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय आलेख के जरिये शिवसेना ने मोदी सरकार पर कांग्रेस की योजनाओं का नाम बदल कर श्रेय लेने का आरोप लगाया था. इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी के नोट बंदी के फैसले को किसान विरोधी बताया था. सामना के संपादकीय आलेख में लिखा था कि नोट बंदी ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है.

शिवसेना से अलग होने के बाद का विकल्प क्या होगा

अगर बीजेपी की फडणवीस सरकार शिवसेना से अपना नाता तोड़ती है, तो बहुत अधिक संभावना मध्यावधि चुनाव के बनते हैं. इसके संकेत अब सीएम ने भी दिए हैं. क्योंकि सरकार चलने के लिए संख्या बल की जरूत होगी, इसलिए मध्यावधि चुनाव से बचने के लिए उन्हें एनसीपी की मदद लेनी होगी. मगर ये विकल्प सम्भव नहीं नज़र आ रहा, क्योंकि अंदरखाने से मिल रही खबर के अनुसार, महाराष्ट्र बीजेपी के कई नेता इस पक्ष में नहीं हैं कि एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाएं. ऐसे में अगर बीजेपी शिवसेना से अलग होती है तो मध्यावधि चुनाव ही एक मात्र विकल्प बचता है.

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