बिहार सरकार बेतिया राज की 14 हजार एकड़ से अधिक जमीन और संपत्ति को राजसात करने की तैयारी कर रही है। बिहार राजस्व पर्षद के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने बताया कि राजस्व पर्षद बेतिया राज की 14 हजार एकड़ से अधिक जमीन का सर्वेक्षण करा रहा है और यह अब अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि अबतक बिहार में बेतिया राज के 14251 एकड़ जमीन में से 8017 एकड़ जमीन का सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया गया है जबकि शेष छह हजार 234 एकड़ जमीन का सर्वेक्षण का कार्य अगले दो से तीन माह में पूरा हो जायेगा। 


श्री सिंह ने कहा कि बेतिया राज की संपत्ति का सर्वेक्षण कार्य पूरा होने के बाद यह निर्णय लिया जायेगा कि आगे क्या किया जाना है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि इसके साथ ही बेतिया राज की संपत्ति को राजसात करने के लिए विधेयक का प्रारूप भी तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संपत्ति को राजसात करने के लिए कानून बनाने की आवश्यकता होगी और इसके मद्देनजर विधेयक का प्रारूप तैयार हो रहा है।

पर्षद के अध्यक्ष ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने 20 अप्रैल 1983 को बेतिया राज की संपत्ति पर राधाकृष्ण सिंह के दावे को खारिज कर दिया था और उस आदेश के अनुरूप बेतिया राज की संपत्ति कोर्ट ऑफ वार्डस एक्ट के तहत है जो इसका रिसिवर भी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बेतिया राज के कार्यों का संपादन कोर्ट ऑफ वार्डस एक्ट के तहत व्यवस्थापक के माध्यम से कराया जा रहा है।
श्री सिंह ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के पारित आदेश के आलोक में ही बेतिया राज की संपत्ति को बिहार राज्य में समाहित किये जाने की कार्यवाई प्रारंभ की गयी है। इसके लिए आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बेतिया राज की उत्तरप्रदेश के गोरखपुर में 50.92 एकड़ और कुशीनगर में 60.74 एकड़ जमीन के अलावा कई अन्य स्थानों पर भी जमीन है।

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