राष्ट्रीय जनता दल ने बोध गया धमाका मामले में गंभीर प्रश्न खड़ा करते हुए पूछा है कि महाबोधि मंदिर की सुरक्षा में भारतीय जनता पार्टी से जुड़े एक नेता की सुरक्षा एजेंसी क्यों लगाई गयी है?bodh-gaya-

महाबोधि मंदिर दुनिया भर में बौद्धों का पवित्रतम स्थान माना जाता है और इसकी सुरक्षा नियमानुसार सरकारी एजेंसियों द्वारा की जानी चाहिए थी. जबकि इसमें निजी सुरक्षा एजेंसी को लगाया जाना, ब्लास्ट के बाद विवाद और जांच का विषय बन गया है.

राजद नेता और पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने जो सवाल उठाया है कुछ ऐसा ही सवाल खुद भाजपा नेता उप पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी खड़ा किया है. पर सिद्दीकी ने मोदी के सवाल की धार यह कहते हुए कुंद कर दिया है कि जिस सुरक्षा एजेंसी को मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गयी है वह भाजपा से जुड़े नेता सुजय प्रकाश का है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा है कि सुजय प्रकाश भाजपा के वरिष्ठ नेता सुनील कुमार पिंटू के करीबी माने जाते हैं.

ध्यान रहे कि सुनील कुमार पिंटू भारतीय जनता पार्टी कोटे से बिहार के पर्यटन मंत्री थे. जो कुछ ही हफ्ते पहले एनडीए से भाजपा को अलग किये जाने के बाद मंत्रिपद से हटे हैं. सिद्दीकी का आरोप है कि सुनील पिंटू ने अपने मंत्री पद के प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए सुजय प्रकाश की सुरक्षा एजेंसी को महाबोधि मंदिर की सुरक्षा में लगवाने में भूमिका निभाई है.

हालांकि सुनील कुमार पिंटू ने सिद्दीके के इस आरोप को नकारते हुए कहा है कि मंदिर सुरक्षा में निजी सुरक्षा एजेंसी को लगाने की जवाबदेही मुख्यमंत्री की है न कि उनकी.

बोध गया ब्लास्ट के बाद जब मंदिर के सुरक्षा की बात पर बहस चली तो यह बात सामने आई कि इस ऐतिहासिक धरोहर की सुरक्षा किसी निजी सुरक्षा गार्डों के हवाले कैसे दे दी गयी?

अब जबकि मंदिर के सुरक्षा तंत्र में सेंध लग चुका है, तो निजी सुरक्षा गार्डों के हवाले मंदिर को किया जाना एक गंभीर मुद्दे के तौर पर सामने आ गया है.

By Editor

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