रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे के उपक्रम इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा विदेशों में रेल परियोजनाओं में कमीशन एजेंटों को किये गये करीब सवा चार सौ करोड़ रुपये के भुगतान को लेकर अनियमिताओं के आरोपों की विजिलेंस जाँच कराने के आदेश दे दिये हैं।raidl

 

रेल मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इरकॉन ने वर्ष 2007 से 2014 के बीच श्रीलंका एवं मलेशिया में रेल परियोजनाओं के लिये सिंगापुर एवं हाँगकाँग स्थित विदेशी एजेंटों को 422.43 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। कंपनी की वर्ष 2014-15 की वार्षिक रिपोर्ट में स्वतंत्र लेखा परीक्षकों ने विदेशों में कमीशन एजेंटों को कमीशन के अनुचित रूप से भुगतान को लेकर गंभीर सवाल उठाये हैं। इस भुगतान का कंपनी के रिकॉर्ड में कोई संतोषजनक विवरण नहीं हैं। यह पता ही नहीं है कि कमीशन एजेंट कौन था, उसे किस काम के लिये कमीशन दिया गया और किस खाते में दिया गया और अहम बात यह है कि ये भुगतान श्रीलंका और बंगलादेश की परियोजनाओं को लेकर हैं। इस रिपोर्ट को संसद के दोनों पटलों पर भी रखा जा चुका है।
सूत्रों ने बताया कि रेल मंत्री के समक्ष यह मामला पिछले सप्ताह लाया गया था और उन्होंने लेखा परीक्षा के निष्कर्ष को बेहद गंभीरता से लिया है एवं संबंधित अधिकारियों से इसकी गहनता से जाँच करने को कहा है। श्री प्रभु ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ए.के.मित्तल को विदेशी परियोजनाओं के परामर्शदाताओं की नियुक्ति की पारदर्शी एवं चाक चौबंद व्यवस्था करने के भी निर्देश दिये है।  सालाना रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2013-14 की सालाना रिपोर्ट में भी लेखा परीक्षा रिपोर्ट में इस मुद्दे पर आपत्ति जतायी गयी थी तथा विदेशी कमीशन एजेंटों के चयन एवं नियुक्ति की प्रक्रिया, आंतरिक नियंत्रण, केवाईसी आदि संदेहास्पद माना गया था।

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