राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने कहा है कि बोधगया, नालंदा, राजगीर, विक्रमशिला, मिथिलांचल, केसरिया, चम्पारण जैसे पर्यटन-स्थलों के प्रति विदेशी पर्यटकों में आकर्षण पैदा कर राज्य को आर्थिक रूप से सुदृढ़ किया जा सकता है।

श्री मलिक ने राजभवन में भारतीय विदेश सेवा के वर्ष 1992 एवं 1993 बैच के तीन वरीय अधिकारियों से फॉरेन सर्विस इंस्टीच्यूट (एफएसआई)और विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘मिड करियर ट्रेनिंग प्रोग्राम’ के तहत शिष्टाचार मुलाकात के दौरान कहा कि विदेशों में भारत के प्रतिनिधि के रूप में देश की प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए कार्य करने के साथ-साथ, आपको ‘एंबेसडर ऑफ द स्टेट ’ के रूप में अपने राज्य के आर्थिक एवं व्यापारिक हितों, विदेशी निवेश, पर्यटकीय विकास, डायस्पोरा प्रोफाइल आदि की प्रगति के लिए भी सजग एवं तत्पर रहना चाहिए।”

राज्यपाल ने कहा कि बिहार का इतिहास एवं सांस्कृतिक वैभव अत्यन्त गौरवमय रहा है। भारत के ‘स्वर्ण युग’ का इतिहास दरअसल बिहार का ही इतिहास रहा है। सूबे में उपजाऊ जमीन, पर्याप्त जल तथा परिश्रमी एवं प्रतिभावान मानव-संपदा है, जिसके बल पर राज्य तेजी से प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि बोधगया, नालंदा, राजगीर, विक्रमशिला, मिथिलांचल, केसरिया, चम्पारण आदि कतिपय पर्यटन-स्थलों के प्रति विदेशी पर्यटकों में आकर्षण पैदा कर राज्य को आर्थिक रूप से सुदृढ़ किया जा सकता है।  मुलाकात करने वाले तीनों अधिकारी बिहार के मूल निवासी हैं। तीन अधिकारियों में अभय ठाकुर मॉरीशस में भारत के उच्चायुक्त हैं जबकि संजीव रंजन अर्जेन्टीना में भारत के राजदूत हैं। वहीं, संतोष झा अमेरिका में मिशन उपप्रमुख हैं।

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