कभी मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के साथ रहे पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने आज उन पर जमकर हमला बोला. शिवानंद तिवारी ने कहा कि हम नीतीश कुमार को 40 सालों से जानते हैं. तेजस्‍वी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई हम सहन नहीं करेंगे। जरूरत पड़ी तो सारे गड़े मुर्दे उखाड़ देंगे.

नौकरशाही डेस्‍क

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मुलाकात के बाद पत्रकारों से रूबरू होते हुए शिवानंद तिवारी नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोला. उन्‍होंने कहा कि नीतीश कुमार के लोग बोल रहे हैं कि तेजस्‍वी लोगों के बीच जा कर अपने आरोपों की सफाई दें. मगर क्‍या नीतीश कुमार दूध के धुले हैं? वे कोर्ट हैं? क्‍या सीबीआई ने उनको आउटसोर्स किया है ? तिवारी ने मुख्‍यमंत्री के भ्रष्‍टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात को ढोंग बताया.

गौरतलब है कि इन दिनों शिवानंद तिवारी लालू प्रसाद के करीबी माने जाते हैं. मगर महागठबंधन दलों की बैठक से पूर्व यह बयान बिहार की राजनीति को गरमा सकता है.  इससे पहले तिवारी ने मंगलवार को अपने फेसबुक टाइम लाइन पर लिखा था कि वशिष्ठ भाई ने अपनी पार्टी प्रवक्ताओं पर अंकुश लगाया है. यह स्वागत योग्य क़दम है. के सी त्यागी का बयान भी सकारात्मक है, लेकिन नीतीश कुमार और लालू यादव की बातचीत से ही अनिश्चितता का धुँध साफ़ होगा.

उन्‍होंने कहा था कि नीतीश गठबंधन के नेता हैं. गठबंधन में कहीं कोई विभेद पैदा होता है, उसको बातचीत की पहल से दूर करना नेता का दायित्व है. नीतीश ने तो अटल जी के साथ काम किया है. भारतीय लोकतंत्र में बगैर किसी खटपट के उतना बड़ा गठबंधन अबतक किसी ने नहीं चलाया है. नीतीश कुमार को अटल जी को स्मरण करना चाहिए. व्यक्तिगत राग-विराग छोड़कर मुल्क के सामने जो गंभीर चुनौती है, उसको ध्यान में रखते हुए लालू यादव के साथ उनको बातचीत करनी चाहिए.संवाद ही लोकतंत्र की आत्मा है. बग़ैर संवाद के लोकतंत्र चलाया ही नहीं जा सकता.

 

 

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