किशनगंज में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में संघ परिवार की नीति और कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार पर मंथन हुआ तो राजगीर में राजद के राष्‍ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में ‘परिवारों का संघ’ बनाने की वकालत की गयी। राष्‍ट्रीय प्रशिक्षण शिविर के समापन पर राजद प्रमुख लालू यादव ने घोषणा की कि 27 अगस्‍त को पटना में भाजपा विरोधी दलों की रैली होगी, जिसमें भाजपा विरोधी विभिन्‍न दलों के नेताओं को आमंत्रित किया जाएगा।

 

वीरेंद्र यादव

राजनीतिक गलियारे में मान्‍यता रही है कि आरएसएस यानी संघ परिवार की पार्टी भाजपा है। संघ की नीतियों और कार्यक्रमों को व्‍यावहारिक रूप देने का काम भाजपा करती है। भाजपा नेता इससे इंकार भी नहीं करते हैं। जबकि भाजपा विरोधी भाजपा के इसी राजनीतिक चरित्र को चुनावी मुद्दा बनाते रहे हैं। विभिन्‍न राज्‍यों में भाजपा की बढ़ती ताकत ने भाजपा विरोधी दलों को सचेत कर दिया है और ये दल एक मंच पर आने को बेचैन हैं।

 

‘बिना परिवार’ वालों की बड़ी भूमिका

इसी बेचैनी ने संघ परिवार के खिलाफ परिवारों का संघ बनाने को विवश कर दिया है। दरअसल लालू यादव परिवारों का संघ बनाने की कोशिश में जुट गये हैं। परिवार के इस संघ में गांधी परिवार, लालू परिवार, मुलायम परिवार, चौटाला परिवार, देवगौड़ा परिवार, अजीत परिवार, करुणानिधि परिवार के समेत कई भुले-भटके परिवार इसमें शामिल होंगे। इसमें ‘बिना परिवार’ वाले लोग भी शामिल होंगे। इस महासंघ में मायावती, नीतीश कुमार, शरद यादव, ममता बनर्जी जैसे नेता भी शामिल होंगे। इसका वास्‍तविक स्‍वरूप कैसा होगा, यह आने वाला समय बताएगा। लेकिन इतना तय हो गया है कि अगले कई दशकों तक भारतीय राजनीति संघ परिवार बनाम ‘परिवारों का संघ’ के आसपास ही घुमेगी।

By Editor