मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए पेश किये गये बजट को सकारात्मक एवं स्वागतयोग्य बताया। श्री कुमार ने आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुये कहा कि यह सकारात्मक एवं स्वागतयोग्य है। बजट में देश के सभी किसानों के खाते में सीधे छह हजार रुपये प्रतिवर्ष देने का प्रस्ताव स्वागतयोग्य कदम है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत बनेगी। 

मुख्यमंत्री ने बजट में असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को प्रतिमाह तीन हजार रुपये पेंशन देने के प्रावधान को सही कदम बताया है। उन्होंने आयकर की सीमा को ढ़ाई लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये किये जाने को बेहतर कदम बताते हुये कहा कि इससे मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी।

महागठबंधन के घटक राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने नरेंद्र मोदी सरकार के अंतरिम बजट को उनका अंतिम बजट बताया और कहा है कि बजट युवा विरोधी और किसानों को गुमराह करने वाला है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार का यह आखिरी जुमला साबित होगा।

राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि बजट के नाम पर केवल जुमलेबाजी की गई है। उन्होंने कहा कि लोगों को उम्मीद थी कि बजट में पिछले 56 महीनों में देश की जनता से किये गये वादों को मूर्त रूप दिया जायेगा लेकिन बजट में आगामी चुनाव को देखते हुए पहले की तरह केवल जुमलेबाजी ही की गई है। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने पांच साल के घावों पर मरहम लगाने वाला चुनावी बजट पेश किया है, जो एक छलावा मात्र है क्योंकि इस बजट की मियाद मात्र तीन महीने ही है। बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा ने बजट को दिशाहीन बताया और कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी पराजय का सामना करना पड़ा और अब केंद्र की भाजपा सरकार का कार्यकाल समाप्ति पर है।

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