ब्राह्मण सम्मेलनों के दौर में RLD ने किया भाईचारा सम्मेलन

यूपी में सपा-बसपा ब्राह्मण सम्मेलनों की तैयारी में जुटी है, वहीं RLD ने मुजफ्फरनगर में भाईचारा सम्मेलन किया। बदल रहा है मुजफ्फरनगर।

फोटो : असलीभारत.कॉम से साभार

कुमार अनिल

यूपी में अगले साल चुनाव होनेवाले हैं। उसकी तैयारी कौन दल किस प्रकार कर रहा है, यह देखना जरूरी है। बसपा ने 24 जुलाई को अयोध्या में ब्राह्मण सम्मेलन किया। भव्य राम मंदिर की आकृति मंच पर सजाई गई थी। जयश्रीराम के नारे लगे। राम मंदिर बनाने का वादा किया गया। उसके बाद सपा ने भी राज्य के जिलों में ब्राह्मण सम्मेलन करने की घोषणा कर दी। दोनों दल ब्राह्मण मतदाओं को लुभाने में लगे हैं।

इस बीच आज राष्ट्रीय लोकदल ने कभी भाजपा और संघ की प्रयोगस्थली रहे मुजफ्फरनगर में भाईचारा सम्मेलन करके एक नई राह दिखा दी। लोकदल के इस सम्मेलन की सोशल मीडिया पर खूब सराहना हो रही है। सम्मेलन में वक्ताओं ने हिंदू-मुस्लिम भाईचारा पर जोर दिया। चौधरी अजीत सिंह की विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।

लोकदल की इस पहल को बड़े मीडिया समूहों में जगह नहीं मिली, लेकिन गांव और कृषि की खबर देनेवाले समानांतर मीडिया में इसकी चर्चा हो रही है। असलीभारत डॉट कॉम ने इस खबर का वीडियो भी जारी किया है।

असली भारत के सह-संस्थापक अजीत सिंह ने कहा कि जयंत चौधरी अगर ब्राह्मण सम्मेलन करते, तो दिल्ली और नोएडा से सारे बड़े चैनल कवर करने पहुंचते। उन्होंने रोष जताते हुए कहा कि भाईचारा सम्मेलन की खबर भी कल अखबार के भीतर के किसी पन्ने पर किसी कोने में छपेगी। इस देश में भाईचारा खबर नहीं है।

लोकदल पश्चिमी यूपी के सभी जिलों में भाईचारा सम्मेलन करेगा। आज हुए ऐसे ही सम्मेलन में मंच पर हिंदू-मुस्लिम सहित हर समाज के प्रतिष्ठित लोग मौजूद थे। सारे वक्ताओं का जोर समाज में पहले से चले आ रहे भाईचारे को और भी मजबूती देने पर जोर दिया।

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लोकदल को मालूम है कि मुजफ्फरनगर सहित प. यूपी के जिलों में भाईचारा बिगड़ने के कारण क्षेत्र को कितना नुकसान हुआ। अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले फिर समाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश हो सकती है। इसीलिए नीचे गांव तक लोगों को जोड़ते हुए भाईचारा को मजबूत करने में पार्टी लगी है।

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