CAB-NRC के खिलाफ प्रदर्शन से दहल उठा पटना, हजारों लोग सड़क पर

पटना के आम नागरिकों ने रविवार को शाम होते ही पटना के कारगिल चौक पर CAB-NRC के खिलाफ सड़क पर उतरे और मोदी-शाह के खिलाफ नारेबाजी की.

इस दौरान पुलिस का दस्ता तो काफी देर तक अफरातफरी का आलम रहा. लेकिन युवाओं की भीड़ ने पीछे हटने का नाम नहीं लिया. घंटो तक पटना के सबसे व्यस्त चौक कारगिल चौक और गांधी मैदान के आसपास अफऱातफरी फैली रही. लोग नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे.

इस दौरान युवाओं ने अपनी बात भी रखी और कहा कि हम हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रति समर्पित हैं लेकिन भाजपा सरकार दोनों समुदायों के बीच नफरत फैला कर बांटना चाहती है. हम किसी भी हाल में दोनों समुदायों के बीच दरार को बर्दाश्त नहीं कर सकते.

इस बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाने बुझाने का प्रयास किया लेकिन किसी ने बात नहीं मानी. और सड़क पर टायर जला कर आवागमन को बाधित कर दिया.

अनेक संगठनों ने की CAB-NRC पर में मंथन

दूसरी तरफ  पटना में  अनेक जगहों पर नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ रणनीतिक बैठकें हुई.

फुलवारी शरीफ में जहां वार्ड पार्षदों और आम नागरिकों ने आगे के आंदोलन पर गंभीर मंथन किया वहीं अबुलकलाम रिसर्च फाउंडेशन और मिली काउंसिल ने संयुक्त रूप से बिहार के दानिश्वर जमात और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. इस बैठक में मौलाना अनीसुर रहमान कासमी के के नेतृत्व में सरकार को मेमोरेंडम सौंपने का फैसला लिया गया वहीं तमाम जमातों द्वारा प्रस्तावित बंद के समर्थन की घोषणा की गयी.

इस बैठक में मौलाना अबुल कलाम कासमी, पत्रकार अनवारुल होदा, नौकरशाही डॉट कॉम के एडिटर इर्शादुल हक, राबिता के प्रमुख अफजल खान, समेत दर्जनों लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये.

 

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नागरिकता कानून औरएनआरसी के खिलाफ बिहार में 19 और 21 दिसम्बर को बंद का आयोजन किया गया है. 19 को वामपंथी संगठनों ने बंद का आह्वान किया है तो दूसरी तरफ 21 दिसम्बर को राजद ने बिहार बंदा का ऐलान किया है.

काबिल जिक्र है कि नागरिकता संशोधन बिल को पिछले दिनों संसद की मंजूरी मिलने के बाद देशव्यापी पैमाने पर प्रदर्शन जारी है.

 

इस बिल में जहां मुसलमान छोड़ कर तमाम धार्मिक समुहों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है.

 

By Editor