केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने चक्रवाती तूफान ‘बुलबुल’ से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों की आज नई दिल्‍ली में एक उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा की। इस तूफान से पश्चिम बंगाल और ओड़िशा के तटवर्ती क्षेत्रों के प्रभावित होने की आशंका है।

कैबिनेट सचिव ने ताजा स्थिति और तैयारियों का जायजा लिया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्यों को उनकी जरूरत के आधार पर सहायता मुहैया करायी जाये। दोनों राज्यों से कहा गया कि वे जान माल के नुकसान को कम करने के लिए सभी संभव कदम उठायें। उन्होंने राज्यों को केन्द्र की ओर से हर संभव मदद का भी आश्वासन दिया। पश्चिम बंगाल से विशेष रूप से आग्रह किया गया कि वह सागर द्वीप, पूर्व मिदनापुर और उत्तर तथा दक्षिण 24 परगना जिलों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजे।

मौसम विभाग की ओर से बताया गया कि बंगाल की खाड़ी के उपर बने चक्रवाती तूफान ने भीषण रूप ले लिया है और इसके रविवार की सुबह पश्चिम बंगाल के तट को पार करने की संभावना है। इस दौरान मूसलाधार बारिश होने और 110 से 120 किलोमीटर की गति से तेज हवा चलने तथा समुद्र में डेढ मीटर ऊंची लहरे उठने की आशंका है।

पश्चिम बंगाल और ओड़िशा सरकार की ओर से बताया गया कि उन्होंने स्थिति से निपटने के लिए जरूरी तैयारी कर ली है और राज्य आपदा मोचन बल तथा अग्नि शमन सेवा की टीमों को तैनात किया गया है। मछली पकड़ने पर रोक लगा दी गयी है और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की 14 टीमों को तैनात किया गया है और राज्यों की जरूरत को देखते हुए अतिरिक्त टीमों को भेजा जा रहा है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि तटरक्षक बल और नौसेना की टीमों को तैनात किया जा चुका है जबकि सेना और वायु सेना की टीमों को तैयार रहने के लिए कहा गया है।

बैठक में गृह और रक्षा मंत्रालय के साथ साथ अन्य एजेन्सियों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। पश्चिम बंगाल और ओडिशा के वरिष्ठ अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये बैठक में हिस्सा लिया।

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