महाराष्ट्र के 5 शहरों को एक साथ बम विस्फोट से तबाह करने की गुप्त योजना का पर्दाफाश हुआ है. इस योजना को अंजाम देने वाले हिंदू गोवंश रक्षा समिति के वैभव राउत समेत तीन लोग गिरफ्तार हुए हैं.

गोवंश रक्षा समिति, बम विस्फोट, महराष्ट्र
हिंदू अतिवादी संगठन के तीन लोग गिरफ्तार( सांगकेतिक फोटो)

गिरफ्तार होने वालों में  श्री शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्तान के सदस्य सुधन्वा गोंधेलकर और सचिन अंदुरे भी शामिल है.

आतंक की इस घटना को अंजाम देने की योजना बनाने वाले तीसरे शख्स का नाम सचिन अंदुरै है. जिसे एटीएस ने गिरफ्तार करके सीबीआई के हवाले कर दिया है. पुलिस सूत्रों को संदेह कि अगर वे इस आतंकी वारदात को अंजाम देने में सफल हो जाते तो जिंदगियां समाप्त हो जातीं.

महाराष्ट्र एटीएस ने  इन लोगों को 20 देसी बम और 21 पिस्तौल के साथ कब्जे में लिया है.

 

इनकी गिरफ्तारी की खबर इंडियन एक्सप्रेस ने दी है. उधर इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने लिखा है कि सनातन संस्था, हिन्दू जनजागृति समिति, हिन्दू गोवंश रक्षा समिति, श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्तान नाम के संगठनों के नाम आए हैं। इनमें से एक श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्तान के मुखिया की तस्वीर प्रधानमंत्री मोदी के साथ भी है।

ये तीनों 28 अगस्त तक एटीएस की कस्टडी में हैं। शरद कलास्कर से पूछताछ के दौरान पता चला कि नरेंद्र दाभोलकर ही हत्या में वह भी शामिल था और उसके साथ एक और शख्स भी था जिसका नाम सचिन अंदुरे है। एटीएस ने सचिन को गिरफ्तार कर सीबीआई के हवाले कर दिया है। एटीएस ने एक और शख्स को गिरफ्तार किया है जिसका नाम है श्रीकांत पांगरकर। इस तरह से चार एटीएस के पास हैं और एक सीबीआई के पास। हाल के दिनों में अभी तक पांच लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।

नरेंद्र दाभोलकर की हत्या की जांच सीबीआई कर रही है। महाराष्ट्र एटीएस की जांच से पता चला है कि गिरफ्तार व्यक्तियों का संबंध नरेंद्र दाभोलकर और गौरी लंकेश की हत्या से भी रहा है।

सीबीआई ने रविवार को पुणे की विशेष अदालत में सचिन अंदुरे को पेश किया। सीबीआई का तर्क है कि औरंगाबाद का रहने वाला सचिन अंदुरे कथित रूप से दाभोलकर की हत्या में शामिल है। सचिन पर आरोप है कि वह डॉ वीरेंद्र तावड़े के साथ हत्या की साज़िश रचने में शामिल था। सीबीआई बहुत पहले ही वीरेंद्र तावड़े को गिरफ्तार कर चुकी है। 2016 में एक चार्जशीट भी दायर कर चुकी है। जिसमें डॉ तावड़े को सनातन संस्था का सदस्य बताया गया है। सचिन को महाराष्ट्र और कर्नाटक में कई जगहों पर हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई थी।

सीबीआई शरद कलस्कर को भी अपनी हिरासत में लेना चाहती है। शरद को महाराष्ट्र एटीएस ने 10 अगस्त के दिन गिरफ्तार किया था। सूत्रों की माने तो कलास्कर और अंदुरे दोनों ही औरंगाबाद के रहने वाले हैं। दोनों ने दाभोलकर की हत्या वाले दिन बस से पुणे आए थे।

यही नहीं कर्नाटक एस आई टी ने गौरी लंकेश की हत्या के सिलसिले में पुणे के जिस व्यक्ति को गिरफ्तार किया है उसकी भी दाभोलकर की हत्या में भूमिका सामने आ रही है। वह शख्स भी कथित रूप से तवाड़े के साथ हत्या की साज़िश में शामिल था। दाभोलकर को मारने की साज़िश 2009 से चल रही थी जो 20 अगस्त 2013 के दिन अंजाम दी गई। आज पांच साल हो गए।

सीबीआई ने कहा कि अंदुरे को दाभोलकर की हत्या के लिए कर्नाटक और महाराष्ट्र में हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई थी। इसलिए सीबीआई उसे अपनी कस्टडी में लेना चाहती है ताकि आगे की जांच से पता चले कि किसने इस ट्रेनिंग के लिए बुनियादी ढांचे उपलब्ध कराए हैं।

 

इस बीच शनिवार को महाराष्ट्र एटीएस ने शिवसेना के एक पूर्व पार्षद को गिरफ्तार किया है। 2001 से 2011 तक जालना में पार्षद रहे इस शख्स का नाम है श्रीकांत पंगारकर। इनका नाम गिरफ्तार तीन लोगों से चल रही पूछताछ के दौरान आया है। आरोपियों ने बताया है कि पंगारकर ने विस्फोटक जमा करने और जोड़ने में मदद की है।

 

आरोपियों के वकील का कहना है कि ये सब बीफ माफिया के दबाव में हो रहा है क्योंकि आरोपी वैभव गोवंश रक्षक है । अब ATS उसके साथ काम करने वाले सभी को आतंकी के में आरोपी बनाने में लगी है। सनातन संस्था के प्रवक्ता चेतन राजहंस का बयान है। मैं यहां शब्दश रख रहा हूं।

इन मामलों में,सनातन संस्था, हिन्दू जनजागृति समिति, हिन्दू गोवंश रक्षा समिति, श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्तान नाम के संगठनों के नाम आए हैं। इनमें से एक श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्तान के मुखिया की तस्वीर प्रधानमंत्री मोदी के साथ भी है।

By Editor